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गन्ने की फसल में लग गया है चोटी बेधक कीट, तुरंत करें ये काम, बड़े नुकसान से बच जाएंगे किसान

चोटी बेधक कीट को Top Borer के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो किसानों को समय रहते इस कीट की रोकथाम के लिए उपाय कर लेने चाहिए. लेकिन, अगर ऐसा न किया जाए तो ये पूरी फसल बर्बाद कर सकता है. आइए जानते हैं गन्न किसान कैसे चोटी बेधक कीट से अपनी फसल को बचा सकते हैं.

बृजेश चौहान
गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट
गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट

Top Borer in Sugarcane: देश में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है. उत्तर भारत के राज्यों में कुछ महीने पहले ही गन्ने की बुवाई हुई है. ऐसे में अब गन्ने की फसल अपना आकार लेने लगी है. लेकिन, किसानों के सामने एक नई चिंता खड़ी हो गई है. दरअसल, कुछ क्षेत्रों में गन्ने की फसल में चोटी बेधक (Top Borer in Sugarcane) का प्रकोप देखने को मिला है. ये कीट गन्ने के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है. यह फसल के कल्ले को ही नष्ट कर देता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है.

चोटी बेधक कीट को Top Borer के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो किसानों को समय रहते इस कीट की रोकथाम के लिए उपाय कर लेने चाहिए. लेकिन, अगर ऐसा न किया जाए तो ये पूरी फसल बर्बाद कर सकता है. इस कीट को लोकल भाषा में कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. इसे किसान कंसुवा, कन्फ्ररहा, गोफ का सूखना, सुंडी का लगना आदि नामों से भी जानते हैं. आइए जानते हैं की अगर गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट लग जाए, तो इसकी रोकथाम के लिए किसानों को क्या करना चाहिए.

कैसे करें चोटी बेधक कीट की रोकथाम?

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार चोटी बेधक कीट की रोकथाम के लिए सबसे पहले कीटनाशक छिड़काव करें. इस कीटनाशक की रोकथाम के लिए सबसे अधिक कोराजन का प्रयोग किया जाता है. यह 75ml और 150ml के पैक में उपलब्ध रहता है. 150ml का उपयोग एक एकड़ के लिए किया जाता है. 150ml की शीशी को 10 टंकियों में मिलाकर पौधे की जड़ पर डालना होता है. ध्यान दें इसे स्प्रे नहीं किया जाता है. इसको टंकी के नाजिल को खोलकर पौधों की जड़ पर डाला जाता है.

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खेत से निकाल दें चोटी बेधक कीट से ग्रसित पौधे

चोटी बेधक कीट से ग्रसित कल्लों को जमीन के बराबर या थोड़ा नीचे से काट लें और इसे खेत के बाहर कहीं सुरक्षित स्थान पर डाल दें, जिससे कि अन्य पौधों में न फैले. इन कल्लों को जानवरों को भी खिला सकते हैं.

कब करें सिंचाई 

खेत में कोराजन लगाने के बाद एक से 2 दिन के अंदर सिंचाई अवश्य कर दें, जिससे कि कीटनाशक पूरे खेत में मिल सके. सिंचाई करने के बाद हो सके तो खेत की जुताई-गुड़ाई करने से बचे, हलांकि अगर जरूरत हो तो कर भी सकते हैं, लेकिन संभव हो तो दूसरी सिंचाई के बाद ही जुताई गुड़ाई करें. दूसरी सिंचाई 10 से 12 दिनों के अंतराल पर अवश्य करें. इसके बाद खेत की अच्छे से जुताई गुड़ाई करें.

English Summary: Top Borer in Sugarcane pest attack on Sugarcane farming Published on: 06 May 2024, 04:56 PM IST

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