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किसानों की जेब भरेगा पहाड़ी क्षेत्र का यह सेब

किसान अब पहाड़ ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी सेब की अच्छी खेती करके लाभ कमा सकते है. दरअसल मेरठ के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाले सेब की अन्ना प्रजाति को 45 डिग्री तापमान में उगाने में सफलता हासिल की थी.

किशन

किसान अब पहाड़ ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी सेब की अच्छी खेती करके लाभ कमा सकते है. दरअसल मेरठ के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाले सेब की अन्ना प्रजाति को 45 डिग्री तापमान में उगाने में सफलता हासिल की थी. बेहद जल्द इन सेबों की व्यवसायिक खेती के साथ बिक्री को शुरू किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसके सहारे पारंपरिक फसलों से छुटकारा पाने के साथ ही किसानों को अपने लिए आमदनी का एक बेहद ही बेहतर नया जरिया आसानी से मिल सकेगा. इसकी खेती के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें करीब 25 से 30 किसानों ने हिस्सा लिया.

सफल प्रजाति है अन्ना

वर्कशॉप में बताया गया कि वर्ष 2014 में मार्च में पहली बार सेब की कई तरह की प्रजातियों को ज्यादा तापमान में विकसित करने की कोशिश की गई थी. इसमें तीन प्रजातियां अन्ना, डारसेट गोल्डन, और माइकल पर तेजी से कार्य शुरू किया गया है. तीन साल के अनुसंधान के बाद जब इनकी तुलना की गई तो अन्ना प्रजाति पूरी तरह से सफल रही है. पूरी कार्यशाला हो जाने के बाद किसानों को प्रमाण-पत्र भी दिए गए है.

सालों तक होगी अच्छी आमदनी

अन्ना प्रजाति के सेब को लगाने का कार्य जब शुरू होता है तब इस कार्य में तीन लाख रूपये तक का खर्च आता है. इसके बाद काफी अच्छी आमदनी होने लगती है. जैसे ही पौधे को रोप दिया जाता है वैसे ही फरवरी के बाद ये पौधे फूल देना शुरू कर देते है. अन्ना को स्वयं बांझ प्रजाति का माना जाता है, लेकिन तीसरे साल ही इस पर जो शोध हुआ इसमें काफी भरपूर फलन देखा गया है. मई-जून के गर्म मौसम के शुरू होते ही फल पकना शुरू हो जाते है. इन फलों का औसत वजन 200 ग्राम होता है.

कीटनाशक रहित सेब

अन्ना सेब गर्मी के मई-जून में आता है. उस वक्त अन्य प्रजातियों को कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है.  इस प्रजाति के सेब में रोगों की आशंका अन्य प्रजातियों के कीट के मुकाबले काफी कम होती है. इसके पेड़ पर फफूंदनाशक और कीटनाशक का प्रयोग नहीं होंने के कारण फल की गुणवत्ता काफी उम्दा रहती है.

अन्ना प्रजाति के बारे में

सेब की अन्ना प्रजाति बेहद ही खास होती है. ये सेब स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है. इसी खूबी के कारण यह कस्टर्ड और फ्रूट रायते में ज्यादा प्रयोग होता है. जो भी किसान इस वर्कशॉप में आए थे उन्होंने कहा कि उनको अन्ना प्रजाति के सेब की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिली है.

English Summary: apple mountainous area fill pockets of farmers Published on: 12 February 2019, 05:51 PM IST

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