दक्षिणीअरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना हुई है. इसके बाद ये कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तरी पश्चिमी की तरफ बढ़ेगा और दक्षिणी-पश्चिमी अरब सागर में एक डिप्रेशन विकसित होगा.जिसकी वजह अरुणाचल प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कहीं-कहीं बारिश के साथ ओले पड़ने की भी संभावना है. वहीं अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बिजली चमक सकती है. असम और मेघालय में भी अगले 48 घंटों के दौरान अलग-अलग जगह हल्की बारिश के साथ ओले गिरने का अनुमान है. केरल और लक्षद्वीप में कुछ स्थानों पर वर्षा संभव है. केरल और लक्षद्वीप में कुछ जगह तेज हवाओं के साथ बिजली कड़कने के भी आसार हैं. जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 21 नवंबर को भारी बरसात का अनुमान है.
कहां चलेंगी चक्रवाती हवाएं?(Strong winds)
दक्षिण अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से दक्षिणी-पश्चिमी और दक्षिणी-पूर्वी अरब सागर में चक्रवाती हवाएं चलने की संभावना है. इतना ही नहीं पूर्वी मध्य अरब सागर के पास के हिस्सों में भी चक्रवाती हवाएं चलेंगी. यहां हवाओं के रफ्तार 45 से 55 किमी प्रति घंटे हो सकती है. 21 नवंबर को तो इन हवाओं की गति 60 से 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इसलिए इन इलाकों में मछुआरों को सलाह है कि वो समुद्र में न जाएं.
पिछले 24 घंटों के दौरान केसी रही मौसम की स्थिति ?(Weathercondition in last 24 hours)
पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में इक्का-दुक्का जगह बारिश हुई. वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में तेज हवाएं चली और बादल बरसे. साथ ही झारखंड में भी गरज के साथ बरसात हुई. उधर तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई और गरज के साथ तेज हवाएं चली. इतना ही नहीं, लक्षद्वीप में भी इक्का-दुक्का जगह तेज हवाओं के साथ बारिश हुई.
क्या है तापमानका हाल ?(Temperature condition)
दो दिन देश के कुछ हिस्सों में ओले गिरने की वजह से 3 से 4 दिनों के दौरान तापमान में थोड़ा बदलाव आ सकता है. अगले 4 से 5 दिनों के बीच उत्तर-पश्चिमी भारत में तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस के बीच गिरने की संभावना है. वहीं मध्य भारत में भी कहीं-कहीं तापमान में इसी तरह की गिरावट देखने को मिलेगा. पिछले 24 घंटों के दौरान मैदानी इलाकों में राजस्थान के चुरू में सबसे कम तापमान रहा. यहां न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.