मार्च का महीना अभी खत्म नहीं हुआ है और तापमान नई ऊचाइयों को छूने लगा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जिसने 76 साल का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. इससे पहले 1945 में ऐसा हुआ था. उस समय 40.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ था.
राजधानी के साथ-साथ महाराष्ट्र के पुणे में भी पारा 40.1 डिग्री दर्ज किया गया. कई राज्य लू की चपेट में हैं. महाराष्ट्रं, ओडिशा, झारखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा समेत कई राज्यों में पारा 40 डिग्री के आसपास या उससे ज्यादा रहने का अनुमान है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. ऐसे में आइये निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर के अनुसार जानते हैं, आगामी 24 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान-
देशभर में बने मौसमी सिस्टम
एक पश्चिमी विक्षोभ जो जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में था, अब पूर्व की ओर दूर जा रहा है. एक प्रेरित साइक्लोनिक सर्कुलेशन मध्य पाकिस्तान और पंजाब और हरियाणा के निकटवर्ती भागों में है. मध्य महाराष्ट्र के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन है. आंतरिक कर्नाटक में केरल से मध्य महाराष्ट्र तक एक ट्रफ फैला हुआ है. पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उससे सटे भागों पर एक एंटी-साइक्लोन है. बंगाल के दक्षिण-मध्य खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, राजस्थान और गुजरात में हीटवेव जारी रहेगी. ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल की पृथक जेब भी हीटवेव की स्थिति में आ सकती है. उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी. इसके बाद, उत्तर-पश्चिम भारत जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 2 से 3 डिग्री की गिरावट की संभावना है. उत्तर-पश्चिम से आने वाली तेज़ धूल भरी हवाएँ 30 मार्च से उत्तरी मैदानों पर शुरू हो जाएंगी.
हल्की से मध्यम बारिश और गरज चमक के साथ पश्चिमी हिमालय पर अगले 24 घंटों तक जारी रहने की उम्मीद है. केरल और अंदरूनी तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. अब नॉर्थ ईस्ट इंडिया पर बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी. मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के अलग-थलग पड़ चुके इलाकों में अलग-अलग ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी आ सकती है.