फसलों की कटाई के समय अचानक से मौसम में बदलाव हो जाने से किसानों की चिंता काफी हद तक बढ़ जाती है. फसलों की कटाई के समय बारिश या फिर ओलावृष्टि हो जाए तो फसलें बर्बाद या बेकार भी हो जाती है. इससे उत्पादकता में तो कम होती ही है साथ ही क्वालिटी पर भी असर पड़ता है. अप्रैल माह की शुरुआत हो चुकी है. धूप भी काफी तेज होने लगा है और किसान भी रबी के लगभग - लगभग फसलों की कटाई कर चुके है. और कुछ की करनी बाकी है. ऐसे में किसानों के पास मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी होना बहुत जरुरी है, क्योंकि वो मौसम के मुताबिक अपने फसलों की देखभाल करने के साथ अपने फसलों को मौसम के प्रभाव से बचाव कर सकेंगे. तो आइए जानते हैं मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 24 घंटों में कैसा रहेगा देश के अलग - अलग हिस्सों में मौसम का हाल -
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू-कश्मीर के इलाकों पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है. इस सिस्टम के प्रभाव से बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान के ऊपर है. इसके अलावा एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी राजस्थान और इससे सटे उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है. दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश से विदर्भ, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल होते हुए लक्षद्वीप तक एक ट्रफ रेखा बन गई है. इसके अलावा बिहार से झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी तक भी एक ट्रफ रेखा बनी हुई है.
4 अप्रैल की मौसमी गतिविधियां
बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश देखी गयी है. इसके अलावा विदर्भ, कर्नाटक और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में भी एक-दो स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं. जबकि राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में लू जैसे हालात बने रहे.
अगले 24 घंटों के मौसमी गतिविधियां
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज के साथ बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है. इसके अलावा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर राज्यों, विदर्भ, मराठवाड़ा, कर्नाटक और केरल में कुछ स्थानों पर हल्की और एक-दो स्थानों पर भी बारिश होने की संभावना है.जबकि राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में लू जैसे हालात जारी रहने का अनुमान है.