सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 November, 2020 12:55 PM IST

दिल्ली और एनसीआर में इन दिनों सांस लेना मुश्किल सा हो गया है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास  के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के चलते आसमान में धुंध जैसी स्थिति बनी रही. दिल्ली-एनसीआर के हिस्सों में तो प्रदूषण बेहद ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया. तापमान में गिरावट और हवाओं के रुख में बदलाव के चलते प्रदूषण की स्थिति लगातार ख़राब हो रही है. लेकिन राहत वाली बात ये है कि 12 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में थोड़ा सुधार देखने को मिला है. यहां कई दिनों बाद प्रदूषण न्यूनतम स्तर पर पहुंचा गया था. 12 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा प्रदूषित स्थानों की बात करें तो दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएम 10 रहा 296 जबकि पीएम 2.5 ख़तरनाक स्तर 365 के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा दिल्ली में मथुरा रोड, पूसा रोड, आईआईटी दिल्ली, हवाई आड्डा टी-3, आयानगर आदि में भी प्रदूषण का स्तर हानिकारक रहा. वहीं नोएडा और गुरुग्राम में भी कई जगह प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रहा.

दिल्ली-एनसीआर में  क्यों बढ़ता है प्रदूषण ?

विशेषज्ञों की माने तो मानसून के वापस जाने के बाद अक्टूबर-नवंबर के महीने में तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है. इसके बाद धारे-धारे धुंध और कोहरा आने लगता है.यह धुंध स्थानीय स्तर पर उठने वाले प्रदूषण के लिए ट्रैप का काम करता हैं. इसका मतलब ये हुआ कि उठने वाला प्रदूषण की हवा में एक परत सी बन जाती है और वह दूर नहीं जा पाती. वायुमंडल की निचली सतह पर लंबे समय तक बने रहने की वजह से प्रदूषण की स्थिति खराब स्तर पर पहुंच जाती है. इसके अलावा दिल्ली के पास वाले राज्यों में किसान धान की कटाई के बाद पराली जलाने का काम करते हैं जिसका धुंआ हवा में रुक जाता है और दिल्ली प्रदूषण का शिकार होती है.

अगले 24 घंटों के लिए मौसम का पूर्वानुमान

अगले 24 घंटों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का अनुमान है वहीं तमिलनाडु के तटीय भागों में भी कहीं-कहीं जोरदार वर्षा हो सकती है. साथ ही आंध्र प्रदेश और आंतरिक तमिलनाडु के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की भी संभावना है. वहीं दक्षिणी कर्नाटक के भीतरी हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है. केरल, रायलसीमा, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार दिख रहे हैं. जबकि मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में अगले दो दिन बारिश नहीं होगी.

पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कैसा रहा मौसम

पिछले 24 घंटों के दौरान ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई. वहीं आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में कहीं-कहीं भारी बारिश हुई. तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश हुई. पुडुचेरी में भी इक्का-दुक्का जगह बादल बरसे. इतना ही नहीं, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ तेज हवाएं भी चली.

देश में कहां-कहां चलेंगी चक्रवीत हवाएं

दक्षिणी श्रीलंका के तटों पर हिंद महासागर में भूमध्य रेखा के पास बना एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र. एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 12 नवंबर की रात या 13 नवंबर से उत्तर भारत को प्रभावित करेगा. 12 और 13 नंबर के बीच तमिलनाडु के तटों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का अनुमान है.

English Summary: Pollution situation in delhi-ncr
Published on: 12 November 2020, 12:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now