4 अगस्त तक दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश इन 5 राज्यों में झमाझम बारिश का अलर्ट, पढ़ें IMD की लेटेस्ट अपडेट जायटॉनिक एक्टिव से पाएं रासायनिक दवाओं की बेहतर गुणवत्ता और लंबा असर! वैश्विक मंच पर फिर गूंजेगी बस्तर की आवाज़: रूस यात्रा पर डॉ. त्रिपाठी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 31 August, 2019 12:25 PM IST

अगस्त माह समाप्त हो चुका है. मानसून का प्रभाव भी धीरे – धीरे कम होता जा रहा है. इस साल मानसून कई राज्यों में जहां देरी से पहुंचा है. वहीं, कई राज्यों के किसानों को निराश भी किया है. मानसून के वजह से हुई बारिश से जहां अभी भी देश के कई इलाके जलमग्न है. वहीं देश के कई इलाके अभी भी सूखाग्रस्त हैं. अगर बिहार की बात करें तो बिहार में जहां भारी बारिश के वजह से नदिया उफान पर थी और कई इलाके बाढ़ग्रस्त हो गए थे वहीं, इसी राज्य के कुछ इलाके ऐसे भी है जहां पर लोग अभी भी पानी का इंतजार कर रहे है. अगर खेती किसानी की बात करें तो किसान इनदिनों खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती कर चुके है और समय – समय पर सिंचाई कर रहे है. गौरतलब है कि धान की फसल में अन्य फसलों के अपेक्षा ज्यादा पानी लगता है. ऐसे में जिन राज्यों में इनदिनों मानसून प्रभावी नहीं है उन राज्यों के लोग अभी भी बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे है.

देश के अलग-अलग हिस्सों में बने मानसून सिस्टम


ओडिशा के आतंरिक भागों और उससे सटे छत्तीसगढ़ के हिस्सों में एक निम्न-दवाब क्षेत्र बना हुआ है.

मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और निम्न दवाब क्षेत्र होते हुए उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है. पाकिस्तान के उत्तरी भागों के ऊपर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है.

निचले स्तर पर एक अप-तटीय ट्रफ रेखा दक्षिणी गुजरात से दक्षिणी कोंकण व गोवा तक बनी हुई है.

पिछले 24 घंटों में मानसून का प्रदर्शन

पिछले 24 घंटों के दौरान, असम के पूर्वी भागों सहित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, केरल, तटीय कर्नाटक और दक्षिणी कोंकण व गोवा के हिस्सों में मानसून सक्रिय बना रहा. इस दौरान, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और उत्तरी पंजाब तथा तमिलनाडु के हिस्सों में सामान्य मानसून की स्थिति देखने को मिली. देश के बाकी हिस्सों में मानसून कमजोर रहा.


अगले 24 घंटों के दौरान मानसून की संभावित हलचल

अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिस्सों में मानसून के जोरदार बने रहने की संभावना है.

दक्षिणी ओडिशा, विदर्भ के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, गुजरात, तटीय कर्नाटक और कोंकण व गोवा के हिस्से में मानसून के सक्रिय रहने का अनुमान है. उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम, असम, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मानसून सामान्य देखी जा सकती है.

English Summary: Monsoon forecast: know how the monsoon will be across the country today
Published on: 31 August 2019, 12:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now