देश की राजधानी दिल्ली में मौसम के मिज़ाज में बदलाव जारी है. शनिवार को मैक्सिमम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ 29 डिग्री सेल्सियस और मिनिमम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. वहीं, उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश और भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
मौसम विभाग ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी से यातायात प्रभावित हो गया. इसके अलावा, पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई.
केरल, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, लक्षद्वीप, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. मध्य महाराष्ट्र के मध्य भागों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, रायलसीमा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश हुई. दिल्ली प्रदूषण गंभीर श्रेणी में था.
देशभर में बने मौसमी सिस्टम
दक्षिण-पूर्व अरब सागर और इससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 4.5 किमी तक फैला हुआ है. एक ट्रफ रेखा दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर निम्न दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से निचले स्तरों में महाराष्ट्र केटल तक फैली हुई है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र हरियाणा और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के पास बना हुआ है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और दक्षिण महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, रायलसीमा के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों और मध्य महाराष्ट्र के मध्य भाग में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
मराठवाड़ा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है. हमारे जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में हल्की बारिश संभव है. ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी भी संभव है. निचले स्तरों में उत्तर पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने से दिल्ली के प्रदूषण में सुधार होने की संभावना है.