एक बार फिर से मौसम पहाड़ों पर बारिश करने को तैयार खड़ा है. एक नया ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे क्षेत्र जम्मू-कश्मीर पर पहुंच चुका है. जिसके चलते ही अब पहाड़ों पर बादल मडरा रहे है. शिमला, कुल्लू, नाहन और भद्रवाह जैसे इलाकों में एक-दो स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी देखने को मिली है. बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे जोर पकड़ेंगी.
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आज जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादलों के जमघट के साथ बर्फबारी भी होगी. हालाकि ये बर्फबारी और बारिश कुछ इलाकों तक ही सीमित रहेगी. 31 जनवरी को तीनों पहाड़ी प्रदेशो में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है. मौसम में तेज़ उठापटक के चलते ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और हिमस्खलन की आशंका जताई जा रही है. बारिश और बर्फबारी रुक-रुक कर 4 फरवरी तक जारी रहेगी.
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 30 जनवरी से 4 फरवरी के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित पहाड़ी राज्यों में अनेक सड़कें बंद हो सकती हैं. अगले कुछ दिन तक लमर्ग, लेह, कारगिल, केलोंग, कुल्लू-मनाली, शिमला, केदारनाथ, बद्रीनाथ सहित कईं इलाके बुरी तरह से प्रभावित होंगे जिससे इन भागों में रेल, रोड और हवाई यातायात प्रभावित रह सकता है.
कश्मीर में अक्टूबर से ही बारिश लगातार हो रही है लेकिन हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. जनवरी में अब तक हुई बारिश के आंकड़ों पर नज़र डालें तो जम्मू-कश्मीर में 1 से 28 जनवरी के बीच सामान्य से 58% अधिक 135 मिलीमीटर बारिश देखने को मिली है. आगे आने वाले तीन दिनों के दौरान बारिश के कारण इन आंकड़ों में और उछाल देखने को मिल सकता है.