India Drought: ग्लोबल वार्मिंग का असर विश्व के कई देशों में दिखाई दे रहा है. जिसके चलते मौसम पैटर्न में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि साल 2023 अब खत्म होने वाला है, लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में बारिश न होने को चलते सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. आलम यह है की भारत के 26 फीसदी से अधिक हिस्से में गंभीर सूखे के हालात हैं. वहीं, वैश्विक इतिहास में इस साल का अक्टूबर महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा. अमेरिकी मौसम एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) की एक इकाई, नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन ने इस बात की पुष्टि की है.
अक्टूबर में अधिकांश हिस्सों में पड़ा सूखा
एनसीईआई ने अक्टूबर के लिए अपनी वैश्विक जलवायु रिपोर्ट में कहा कि अक्टूबर में भारत के अधिकांश हिस्सों में सूखा पड़ा, जबकि यह महीना विश्व स्तर पर रिकॉर्ड के अनुसार सबसे गर्म महीना साबित हुआ. एजेंसी ने कहा कि इंडिया ड्राउट मॉनिटर पर देश के उत्तरी, पूर्वी और तटीय दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में सूखे की स्थिति की पुष्टि हुई. ड्राउट मॉनिटर के अनुसार पिछले महीने भारत का 26.3 प्रतिशत हिस्सा सूखे से प्रभावित रहा.
ड्राउनट मॉनिटर से पता चला कि राजस्थान और पंजाब को छोड़कर, लगभग सभी राज्यों के कुछ हिस्से सूखे से प्रभावित रहे. अक्टूबर में सूखे की स्थिति और भी खराब हो गई थी, क्योंकि सितंबर तक देश का 21.6 प्रतिशत हिस्सा सूखे की चपेट में था. एजेंसी ने बताया कि अक्टूबर में मॉनसून के बाद की बारिश 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश थी.
सामान्य से कम हुई बारिश
वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस साल देश के कई हिस्सों में अक्टूबर महीन में बहुत कम या फिर बारिश ही नहीं हुई. इस साल देश में जून से ही मौसम की बेरुखी देखने को मिल गई थी. जहां, जून में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने दस्तक दी और देश में सामान्य से कम बारिश हुई. हालांकि, जुलाई में बारिश अधिक दर्ज गई. विभाग ने बताया कि 1901 के बाद से इस साल का अगस्त सबसे शुष्क महीना रहा. जबकि सितंबर में सामान्य वर्षा हुई और अक्टूबर में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.