मानसून ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दिया है. यहां पर सक्रियता के बाद यह उत्तर भारत की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि चक्रवात वायु के वजह से इसकी रफ्तार में कमी दर्ज की गई है और ये अब धीरे – धीरे आगे बढ़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून की सक्रियता में आई कमी के वजह से बारिश में 43 फीसदी तक कमी का अनुमान है. तो वहीं, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा में 59 फीसद बारिश की कमी दर्ज की गई है तो पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों में 47 फीसद तक की कमी रिकॉर्ड दर्ज की गई है.
मौसम विभाग ने 16 जून यानि रविवार को बताया कि मानसून के उत्तर भारत की ओर आगे बढ़ने के आसार है. क्योंकि चक्रवात वायु के तीव्रता में आई कमी के वजह से अरब सागर की ओर बढ़ने के लिए मानसूनी हवाओं का रास्ता बदल गया है. हालांकि मानसून को अब तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों सहित मध्य भारत तक पहुंच जाना चाहिए था. लेकिन, यह महाराष्ट्र तक भी नहीं पहुंच पाया है. चक्रवात वायु के 17 जून यानि सोमवार की शाम को गुजरात तट को पार करने की संभावना है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तक मानसून के पहुंचने की उम्मीद है. इन राज्यों में इस सप्ताह के आखिर तक बारिश होने की संभावना है.
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
इस समय, पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. इस सिस्टम के कारण, उत्तरी आंध्र प्रदेश के इलाकों में गरज और तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी वर्षा की उम्मीद है. इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के बाकी हिस्से, तेलंगाना और तमिलनाडु में भी बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती है. इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा केरल के तटीय भागों से होते हुए कोंकण व गोवा तक फैली हुई है. इसकी वजह से केरल के पश्चिमी तटीय भागों सहित कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं.
इन सभी प्रणाली के प्रभाव से छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. साथ ही, उत्तरी मध्य प्रदेश के भागों में गरज के साथ धूल भरी आंधी के भी आसार हैं. चक्रवात वायु इस समय उत्तर-पूर्वी अरब सागर पर बना हुआ है. यह सिस्टम उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर बढ़ रहा है और आज रात तक इसके कच्छ के तटीय भागों को पार कर लेगा. इसके कारण, गुजरात के भागों में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर पर बने पश्चिमी विक्षोभ और इस सिस्टम से मध्य पाकिस्तान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में गरज और बारिश की गतिविधियां देखी जा रही है. इस मौसमी प्रणाली की वजह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी धूल भरी आंधी के साथ बारिश की संभावनाएं हैं. पूर्वी/पूर्वोत्तर भारत की बात करें तो, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी बिहार में बना हुआ है. इससे एक ट्रफ रेखा झारखंड होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है. ओडिशा में भारी बारिश की संभावना है. पूर्वोत्तर राज्यों में भी तेज हवाएं और गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.