देश के कई राज्यों में एक ओर तेज गर्मी तो दूसरी ओर बारिश और ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार 21 से 24 अप्रैल के बीच उत्तर भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में ऊष्ण लहर चलने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चेतावनी जारी की है, जिसके अनुसार अगले 5 दिनों के दौरान कई राज्यों में बारिश, गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. वहीं कुछ इलाकों में लू और गर्म तथा आर्द्र मौसम की स्थिति भी बनी रह सकती है.
आइए IMD के द्वारा जारी की गई मौसम से संबंधित चेतावनी के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं.
इन राज्यों में होगी बारिश
IMD के अनुसार, आज से लेकर 24 अप्रैल तक छत्तीसगढ़, ओडिशा, सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और यानम, रायलसीमा और आंतरिक कर्नाटक में गरज के साथ भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश, केरल व माहे, तटीय कर्नाटक में बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका है.
कहाँ-कहाँ लू का खतरा?
- दक्षिणी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश: 22 से 24 अप्रैल तक
- राजस्थान और हरियाणा: 23 और 24 अप्रैल को
- विदर्भ क्षेत्र: 21 से 23 अप्रैल के बीच
इसी बीच कुछ राज्यों में ओलावृष्टि, भारी वर्षा और तेज हवाओं की भी चेतावनी दी गई है. ऐसे में फसल और पशुधन को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को कुछ जरूरी उपाय करने की सलाह दी गई है.
कृषि मौसम आधारित सुझाव इस प्रकार हैं:
केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय वाले क्षेत्रों में किसान फसलों के खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी करें, जिससे पानी जमाव से बचा जा सके. जम्मू और कश्मीर के किसान ओलावृष्टि से बचाव के लिए सब्जियों व बागवानी फसलों पर हेल-नेट व हेल कैप का इस्तेमाल करें. खेतों से अतिरिक्त पानी को निकालें. विदर्भ, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान ऊष्ण लहर और बढ़ते तापमान से फसलों को बचाने के लिए शाम के समय हल्की सिंचाई करें. कटी हुई उपज को खुले में न छोड़ें, उसे सुरक्षित स्थान पर रखें या तिरपाल से ढक दें. तेज हवाओं से बचाने के लिए फसलों को बांधकर और ढककर रखें. बागवानी फसलों को सहारा दें ताकि वे गिर न जाएं.
पशुपालन, मुर्गीपालन और मत्स्य पालन के लिए सुझाव
- भारी वर्षा और ओलावृष्टि के समय पशुओं को शेड के अंदर रखें और उन्हें संतुलित आहार दें.
- पशुओं के चारे को गीला होने से बचाने के लिए सुरक्षित जगह पर स्टोर करें.
- गर्मी से बचाने के लिए पोल्ट्री शेड की छत को घास या टाट से ढकें.
- पशुओं को साफ और ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में दें.
- तालाबों के चारों ओर जाल लगाकर ऐसा आउटलेट बनाएं जिससे बारिश के कारण मछलियाँ बहकर बाहर न जाएं.