Monsoon Update: दक्षिण-पश्चिम मानसून, जो कि सालाना बारिश में लगभग 70 प्रतिशत का योगदान देता है. गुरूवार को अपने तय समय से दो दिन पहले केरल में दस्तक दे दिया. आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून को केरल में प्रवेश करता है तथा 5 जून तक पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में पहुंच जाता है. इसके अलावा मानसून अपने सामान्य तिथि से छह दिन पहले पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ तमिलनाडु के कुछ भागों में भी आगे बढ़ गया. मालूम हो कि आईएमडी यानी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 31 मई को केरल में मानसून के आगमन का पूर्वानुमान लगाया था. आईएमडी की पूर्वानुमान के अनुसार, मानसून 19 मई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ गया था.
आईएमडी ने बीते दिनों एक बयान में कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल और माहे में दस्तक दे चुका है और 30 मई, 2024 को पूरे नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा, मेघालय और असम के अधिकांश हिस्सों सहित पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ चुका है.“
5 दिनों में भारी बारिश की संभावना
आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा, "एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर असम और उसके आसपास के निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों पर बना हुआ है. इसके प्रभाव से अगले सात दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है."
इसके अलावा आईएमडी ने कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश होने की संभावना है.
इस साल सामान्य अधिक होगी बारिश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौसम विभाग ने 28 मई को अपना दूसरा मानसून पूर्वानुमान जारी किया और कहा कि इस साल सामान्य से अधिक यानी 87 सेमी की दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है. आईएमडी के महानिदेशक एम मोहपात्रा ने कहा कि जून में बारिश सामान्य रहेगी, जो 16.69 सेमी की दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 92-108 प्रतिशत है.
आईएमडी के अनुसार, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक वर्षा (दीर्घकालिक औसत का 106 प्रतिशत) होगी, जबकि उत्तर-पश्चिमी भाग, जो खरीफ फसलों के उत्पादन के लिए एक प्रमुख क्षेत्र है, में दीर्घकालिक औसत का 108 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है. हालांकि, आईएमडी ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर हिस्से में सामान्य से कम बारिश होगी, जो एलपीए के 94 प्रतिशत से भी कम है. महापात्र ने कहा कि देश के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों से मिलकर बना मॉनसून कोर जोन सामान्य से अधिक (एलपीए के 106 प्रतिशत से अधिक) होने की संभावना है. इस जोन में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और तेलंगाना के कुछ हिस्से शामिल हैं.
किस राज्य में कब तक पहुंचेगा मानसून
ख़बरों के मुताबिक 5 जून तक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और असम के कुछ इलाकों में पहुंच जाएगा, जबकि 10 जून तक महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का ऊपरी हिस्सा और पश्चिम बंगाल में पहुंच जाएगा. वही 15 जून तक गुजरात व मध्य प्रदेश की सीमा तक, जबकि 20 जून तक छत्तीसगढ़, ओडिशा झारखंड और बिहार- गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से में पहुंच जाएगा. वही 25 जून तक गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में पहुंच जाएगा, जबकि 30 जून तक राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पहुंच जाएगा.
देशभर में मानसून कब तक फैल जाएगा?
केरल में 30 मई को दस्तक देने के बाद से मानसून उत्तर भारत की तरफ बढ़ जाएगा. मानसून के आगे बढ़ने का अपना एक तय रास्ता होता है जिसके जरिए यह आगे बढ़ता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून पूरे देश में 15 जुलाई तक पहुंच जाएगा.