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Updated on: 4 April, 2019 5:16 PM IST

मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से होने वाले फसल नुकसान को रोकने के लिए भारत सरकार ने  'पायलट प्रोजेक्ट' के अंतर्गत  ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना की शुरुआत की है. इसके लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (इएसएसओ ISSO), भारतीय मौसम विभाग (IMD), की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GKMS) कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से अब फेसबुक एवं ट्विटर पर मौसम की पूर्व जानकारी शेयर की जाएगी. गौरतलब है कि कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इसके दायरे को और अधिक बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. जिससे अधिक संख्या में किसानों तक मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी पहुंचाई जा सके.

इस माध्यम से भी दी जा रही जानकारी

आपको बता दे कि नवंबर 2018 में ही 'कृषि विज्ञान केंद्र' ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना की शुरुआत की थी. इसके शुरुआती दौर में किसानों तक मौसम की पूर्व जानकारी प्रिट, विजुअल, रेडियो, आइटी अधारित लघु संदेश सेवा (एसएमएस) इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IBRS) के अलावा किसानों के व्हाट्सएप्प एवं इमेल पर दी जा रही थी. इसके लिए हप्ते में दो दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को मौसम बुलेटिन भी जारी किया जा रहा है. जिससे मौसम में होने वाले बदलाव से पहले ही किसान अपने फसल के बचाव के लिए उचित प्रबंध कर सकें.  इसका धरातल पर कभी फायदा भी हुआ है और  फसल नुकसान में  कमी आ रही है.

किसानों को दी गई सलाह

'कृषि विज्ञान केंद्र' के तरफ से मंगलवार को जारी मौसम बुलेटिन के अनुसार,  इस हप्ते के अंत तक हल्की बारिश होने के आसार है. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को पके हुए गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की कटाई पूरी कर लेने की सलाह दी है. चना में फली छेदक कीट दिखाई देने पर उसके रोकथाम के लिए 2 मिली ली0 प्रोफेनोफस को 1 ली0 पानी में मिलाकर छिड़काव करें. जो किसान अभी तक मूंग की बुवाई नहीं कर पाये हैं, वे मूंग के उन्नत प्रभेद एचयूएम-16, पूसा विशाल, सम्राट एवं एसएमएल-668 के 30 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से 30 गुणा10 सेमी की दूरी पर लगाएं.

जुबुली साहू, मौसम वैज्ञानिक, केविके

English Summary: get information of weather news on twitter and facebook
Published on: 04 April 2019, 05:22 PM IST

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