आज के समय में खेती करना आसान काम नहीं है. जलवायु में लगातार बदलाव, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, कीट और रोगों का बढ़ना - ये सभी किसान भाइयों के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर देते हैं. लेकिन इन चुनौतियों से लड़ने के लिए अगर फसल का अच्छा किस्म हो तो आधी समस्या वहीं खत्म हो जाती है. ऐसा ही एक किस्म योद्धा हाइब्रिड बाजरा है जो कि शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित किया गया है. यह किस्म न केवल अधिक उपज देता है, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करता है.
इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी ऊंचाई लगभग 285 से 290 सेंटीमीटर तक होती है, जो कि बाजरे की आम किस्मों से कहीं अधिक है. इसके पौधों में 8-10 उत्पादक कल्ले निकलते हैं, जिससे एक पौधे से ही अच्छी उपज मिलने की संभावना रहती है. इसकी पुष्पावस्था 52-55 दिनों में हो जाती है और फसल की परिपक्वता 82-87 दिनों में होती है. यानी कम समय में ज्यादा उत्पादन. इतना ही नहीं, इसका तना मजबूत और मोटा होता है, जिससे पौधा गिरता नहीं और खड़ा रहता है.
इस बीज की एक और खास बात यह है कि यह डाऊनी मिल्डयू जैसे आम रोगों के प्रति प्रतिरोधी है. इसके अलावा इसके गहरे हरे चौड़े पत्ते और मजबूत तना इसे सूखा और गर्मी जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी टिकाऊ बनाते हैं. यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है जहां सिंचाई की सुविधा सीमित होती है. यही वजह है कि यह किस्म आज कई राज्यों में किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है.
तो आइए, जानते हैं योद्धा हाइब्रिड बाजरा को लेकर कुछ प्रगतिशील किसानों के अनुभव-
राजस्थान के नागौर जिले से आने वाले प्रगतिशील किसान विष्णु ने बताया कि उन्होंने पिछले साल Yoddha Hybrid Bajra को पहली बार अपने खेतों में लगाया था और इसका प्रदर्शन देखकर वह बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि इस किस्म की ऊंचाई दूसरी किस्मों की तुलना में काफी अधिक होती है और इसका सिट्टा भी डेढ़ फीट तक लंबा होता है. उन्होंने पड़ोस के एक किसान से प्रेरणा लेकर इस किस्म को लगाया था और उन्हें भी बहुत अच्छा परिणाम मिला. उनका अन्य किसानों से कहना है कि यह बाजरे की किस्म बहुत लाभकारी है और जो किसान अच्छी उपज चाहते हैं, उन्हें इसे जरूर लगाना चाहिए.
प्रगतिशील किसान प्रवीण कुमार सिरसा जिले से हैं और उन्होंने लगातार कई वर्षों से शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स के विभिन्न बीजों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि चाहे वह धान हो, बाजरा हो, ज्वार हो या मूंग, हर फसल में इस कंपनी का बीज बेहतरीन प्रदर्शन करता है. उन्होंने पिछले साल Yoddha Hybrid Bajra Seed का उपयोग किया और इस साल भी वही किस्म लगा रहे हैं. प्रवीण का कहना है कि इस किस्म में फुटाव बहुत अच्छा होता है, पौधे की ऊंचाई भी काफी होती है और सिट्टा एक फीट से भी लंबा होता है. इसके अलावा इसका तना मीठा होता है, जिसे पशु भी चाव से खाते हैं. अगर कोई किसान बाजरा की खेती करना चाहता है, तो वह इस किस्म को एक बार जरूर आज़माए.
प्रगतिशील किसान मंजीत हिसार जिले से हैं और उन्होंने पिछले साल Yoddha Hybrid Bajra Seed को अपने खेत में लगाया था. उन्होंने बताया कि इस किस्म की ऊंचाई बहुत अच्छी थी और सिट्टे में बीज भी बहुत बढ़िया निकले थे. बीज मोटा था और लंबे सिट्टे में भरा हुआ था. खास बात यह रही कि फसल को दवाइयों और स्प्रे की जरूरत नहीं पड़ी. पानी की खपत भी कम हुई, फिर भी अच्छी पैदावार मिली. मैं इस साल भी इसी किस्म को लगाऊंगा. साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि इसे जरूर अपनाएं क्योंकि बाजरे की यह किस्म लाभदायक और भरोसेमंद है.
प्रगतिशील किसान मलकीत सिंह हिसार जिले से हैं और उनका कहना है कि उन्होंने Yoddha Hybrid Bajra को कम पानी में भी सफलतापूर्वक उगाया. उन्होंने बताया कि एक ही पानी में फसल तैयार हो गई थी और उपज बहुत अच्छी हुई थी. इसका सिट्टा लंबा और मोटा था, और दाना भी बढ़िया था. यह किस्म कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली है. उन्होंने अन्य किसानों को सलाह दी कि इस किस्म को अपनाएं और कम संसाधनों में बेहतर मुनाफा प्राप्त करें.
हरियाणा के हिसार जिले से ही प्रगतिशील किसान प्रदीप कुमार भी हैं. उन्होंने बताया कि मैंने पिछले साल अपने दो एकड़ खेत में Yoddha Hybrid Bajra लगाया था. जिसमें सिर्फ एक पानी और दो कट्टा खाद का उपयोग किया था. इसके बावजूद मुझे अच्छी उपज मिली. सिट्टा लंबा और बीज अच्छा था. मैंने इस साल भी इसी किस्म को लगाने की योजना बनाई है. यह किस्म मेहनत और संसाधनों की बचत करता है और मुनाफा अधिक देता है.
इन सभी प्रगतिशील किसानों के अनुभवों से यह साफ़ जाहिर होता है कि शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित Yoddha Hybrid Bajra एक भरोसेमंद, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाला बीज है. इसकी पैदावार, रोग प्रतिरोधक क्षमता, कम पानी में बेहतर प्रदर्शन और पशुओं के लिए उपयोगी तना - ये सभी खूबियां इसे अन्य किस्मों से अलग और बेहतर बनाती हैं. जो किसान अपनी बाजरे की फसल में सुधार लाना चाहते हैं, उन्हें इस किस्म को एक बार जरूर अपनाना चाहिए. इससे न केवल उपज में बढ़ोतरी होगी, बल्कि खेती भी लाभदायक बनेगी.