लिज़ी ने 25 से अधिक सालों तक स्नैक व्यवसाय चलाने के बाद अपने कृषि व्यवसाय को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रिटायर होने का फ़ैसला लिया. वह दावा करती हैं कि पर्याप्त जगह न होने के बावजूद भी यह बिल्कुल भी चुनौतीपूर्ण नहीं था. लिज़ी कहती हैं, "भले ही हमारी छत 1,200 वर्ग फुट है, मेरे पास केवल 1,000 वर्ग फुट सब्ज़ी उगाने के लिए जगह है क्योंकि शेष जगह सौर पैनलों और पानी की टंकियों के लिए है. लेकिन मेरे लिए यह पर्याप्त से ज़्यादा जगह है. जब से मैंने घर पर मेरा खाना (फल-सब्ज़ियां) उगाना शुरू किया तबसे मैं अधिक ख़ुश और शांति से हूं.”
लिज़ी के पिता एक शिक्षक और खेती के लिए लगाव रखने वाले इंसान थे, केरल में लिज़ी के बड़े होने के दौरान उनके पिता अपने खेत पर बहुत मेहनत किया करते थे. अपने पति के व्यवसाय की वजह से वह अक्सर एक जगह से दूसरी जगह जाती थीं, लेकिन वह खेती से इतनी प्रेरित थीं कि उन्होंने हर जगह कुछ न कुछ करने की कोशिश की. अंत में, लिज़ी ने 1998 में कुछ मूल सब्ज़ियों जैसे- मिर्च, करी पत्ते, पालक और इसी तरह की दूसरी फ़सलों के साथ बेंगलुरू में अपना टैरेस गार्डन स्थापित किया. उन्होंने लगभग नौ साल पहले टैरेस गार्डन का विस्तार किया, जिसमें वर्तमान में लगभग सभी सब्ज़ियां और कई फलों के पेड़ हैं.
रोज़ाना मिलती है 1 किलो सब्ज़ी-
लिज़ी को वर्तमान में अपने टैरेस गार्डन से रोज़ाना लगभग 1 किलो सब्ज़ियां मिल जाती हैं. उनके मुताबिक़, ये उनके परिवार के पांच लोगों के लिए पर्याप्त से ज़्यादा है. वो कहती हैं, “हम केवल प्याज़ और शायद आलू खरीदने के लिए बाज़ार जाते हैं. बाक़ी सब्ज़ियां हमारे बगीचे में उगती हैं.” लिज़ी कहती हैं, "मैं व्यावहारिक रूप से सभी सब्ज़ियों की खेती कर रही हूं, आम से लेकर दुर्लभ तक, लेकिन मैंने संख्याओं का ध्यान नहीं रखा है. हम पिछले कुछ वर्षों से केवल ताज़ा, गैर-विषाक्त भोजन खा रहे हैं जो हमारी छत से दैनिक रूप से लाया जाता है. ” अपनी छत पर लिज़ी अपनी सब्ज़ियां मुख्य रूप से ग्रो बैग्स में उगा रही हैं जो कि ऊंचे स्टैंडों पर रखी जाती हैं. इसके अलावा वह बाल्टी, ड्रम, पीवीसी पाइप और यहां तक कि प्लास्टिक की बोतलों में फल, मसाले, जड़ी-बूटियां और पत्तेदार साग भी उगाती हैं.
लिज़ी कहती हैं कि, “मैं हमेशा अपनी नीति के अनुसार हर चीज़ का इस्तेमाल करती हूं. मैं प्लास्टिक की पानी की बोतलों को कभी नहीं फेंकती, इसके बजाय मैं उनका उपयोग छोटे पॉट बनाने के लिए करती हूं जिससे उनमें जामुन उगा सकूं. इसके अलावा, मैं पालक, धनिया, आदि जैसी पत्तेदार सब्ज़ियां पीवीसी पाइप में उगाती हूं.”
सभी सब्ज़ियां एक ही जगह उगती हैं-
अपनी छत पर लिज़ी टमाटर, बैंगन, मटर, भिंडी, बीन्स, पालक, मिर्च, करेला, हवाई आलू, ककड़ी, सहजन, आलू, ब्रोकली, फूलगोभी, अजवाइन की कई प्रजातियों सहित सब्ज़ियों की एक विस्तृत श्रृंखला लगाती हैं. वह इलायची, पिप्पली (लंबी मिर्च), अदरक, हल्दी और काली मिर्च सहित मसालों की खेती भी करती हैं. स्ट्रॉबेरी का उनका संग्रह, जिसे उनकी छत पर आमतौर पर पानी की बोतलों या पीवीसी पाइपों में उगाया जाता है, टेरेस गार्डन की असाधारण विशेषताओं में से एक है. उनकी छत पर स्ट्रॉबेरी के अलावा अमरूद, अनार, आम, जामुन, अंगूर, कस्टर्ड एपल्स, वॉटर एपल्स, पश्चिमी चेरी, एवोकैडो, ड्रैगन फ्रूट, संतरा, ब्लैकबेरी, शहतूत आदि भी हैं.
केवल जैविक खाद का करती हैं इस्तेमाल-
लिज़ी का दावा है कि वह अपने बगीचे में कीटों के हमलों और पौधों की बीमारियों से लड़ने के लिए केवल जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करती हैं. उनका दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में उनके व्यापक कृषि अनुसंधान ने उन्हें सर्वोत्तम जैविक मिश्रण, उर्वरक और कीटनाशक विकसित करने में मदद की है.
मिल चुके हैं कई अवॉर्ड-
छत पर बागवानी वेंचर के लिए लिज़ी को केरल और कर्नाटक के विभिन्न संगठनों से कई पदक और मान्यताएं मिली हैं. वह कहती हैं, "मैंने अब तक 15 से अधिक सम्मान जीते हैं, जिसमें मातृभूमि पुरस्कार, हरिता केरलम पुरस्कार, होप चैरिटेबल ट्रस्ट पुरस्कार और सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन का पुरस्कार शामिल है."
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लिज़ी कहती है अथक प्रयास और धैर्य के साथ कोई भी व्यक्ति छोटी जगहों में भी अपना भोजन उगा सकता है. एक मिर्च का पौधा जब यह खिलता है या अपना पहला फल पैदा करता है तो यह हमें संतुष्टि और खुशी महसूस कराता है. आगे मुस्कुराते हुए वह कहती हैं कि भोजन को उगाना सेहत के नज़रिये से काफ़ी फ़ायदेमंद है, यही मुझे आगे बढ़ाता है.