सरताज खान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गांव के प्रगतिशील किसान हैं. उन्होंने अपनी मेहनत, आधुनिक सोच और तकनीक के उपयोग से गन्ने की खेती को एक लाभदायक व्यवसाय में बदल दिया है. वे गन्ने की उन्नत किस्मों की खेती करके सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं. सरताज खान खेती को सिर्फ जीविका का साधन नहीं, बल्कि समाज सेवा और प्रेरणा का माध्यम मानते हैं.
उन्होंने न केवल खुद सफलता हासिल की है, बल्कि आसपास के किसानों को भी नई राह दिखाई है. उनकी यह कहानी हर किसान के लिए प्रेरणादायक है. हाल ही में सरताज खान कृषि जागरण की पहल “ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क” का हिस्सा बनें हैं.
सरताज खान के परिवार में गन्ने की खेती की परंपरा लगभग 50 साल पुरानी है. उनके पिता भी एक कुशल किसान थे, जिन्होंने उन्हें छोटी उम्र से ही खेती की बारीकियां सिखाईं. पिता की सीख ने सरताज को खेती के प्रति लगाव और सम्मान का भाव दिया.
पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सरताज ने खेती को आधुनिक तकनीकों और नई सोच के साथ अपनाया. उन्होंने महसूस किया कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो खेती भी एक सफल व्यवसाय बन सकती है.
सरताज खान के पास कुल 70 एकड़ ज़मीन है, जिसमें से 50 एकड़ में वह गन्ने की खेती करते हैं. उन्होंने अपने फार्म का नाम “शाहीद फार्म्स” रखा है, जो अब आसपास के इलाके में एक पहचान बन चुका है.
वह गन्ने की उन्नत किस्में जैसे 13235, 0118, 14201 और 16202 की खेती करते हैं. इन किस्मों से उन्हें प्रति एकड़ लगभग 720 क्विंटल उपज प्राप्त होती है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होता है.
गन्ने की खेती के लिए सरताज ट्रेंच विधि का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें दो आंख वाले गन्ने के टुकड़ों को बोया जाता है. इस तकनीक से गन्ने का जमाव अच्छा होता है और पौधों की वृद्धि बेहतर होती है.
वह कतार से कतार की दूरी 2.5 फीट और 4 फीट रखते हैं, जिससे फसल की देखरेख में आसानी होती है. छोटे अंतराल वाली खेती में पावर टिलर और बड़ी दूरी पर मिनी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं.
सरताज खान सहफसली खेती को भी अपनाते हैं. वह गन्ने के साथ सरसों, फूल गोभी, पत्ता गोभी, गेहूं, चना, मटर जैसी फसलें लगाते हैं, जिससे उनकी लागत भी निकल जाती है और अतिरिक्त आय भी होती है.
गन्ने की खेती में उनकी लागत प्रति एकड़ लगभग 40 हजार रुपये आती है और एक एकड़ में करीब 7 लाख 200 बड होते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त होती है.
सरताज खान की कहानी बताती है कि अगर किसान आधुनिक तकनीकों, सही किस्मों और सहफसली खेती को अपनाएं तो खेती को एक लाभदायक व्यवसाय बनाया जा सकता है. वह आज हजारों किसानों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा हैं.
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