जैसे-जैसे देश में जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे – वैसे खराब कृषि भूमि में गिरावट भी नजर आ रही है, इसलिए अब किसान भाई फसल उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक्स और वर्टीकल फार्मिंग जैसी नई तकनीकों की ओर रुख कर रहे हैं. हाइड्रोपोनिक्स कृषि का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है.
यह भविष्य में खाद्य उत्पादन पर बहुत अच्छी तरह हावी हो सकता है. ऐसी ही एक सफल कहानी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के उना क्षेत्र के युसूफ खान (Yusuf Khan) की है, जो कि अपने खेत में हाइड्रोपोनिक्स कृषि तकनीक को अपनाकर स्ट्रॉबेरी (Strawberry ) की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
जी हाँ, ऊना के प्रगतिशील किसान युसूफ खान (Progressive Farmer Yusuf Khan) ने नई तकनीक के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming ) कर सभी किसानों को हैरत में डाल दिया है. युसूफ ने हाइड्रोपोनिक तकनीक में नया तरीका अपना कर स्टैग्नेटिड वाटर (Stagnate Water) में स्ट्रॉबेरी कल्टीवेशन का सफल परीक्षण हासिल किया है. युसूफ खान का कहना है कि इस सफल प्रयोग के लिए उन्होंने पहले प्रयोग के तौर पर 5 पौधे लगाए थे, जिससे उनका पहला कमर्शियल परीक्षण सफल हुआ. इसके बाद स्टैग्नेटिड वाटर में हाइड्रोपोनिक तकनीक से स्ट्रॉबेरी का उत्पादन परीक्षण के तौर पर सफल रहा है.
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युसूफ खान का कहना है कि इस तकनीक से पहले ही परीक्षण में उन्हें आने वाले 15 से 20 दिन में बंपर फसल होने की भी उम्मीद हो रही है. कृषि कारोबार में हाइड्रोपोनिक स्टैग्नेटिड वाटर तकनीक का इस्तेमाल इससे पहले कभी नहीं हुआ.
हाइड्रोपोनिक स्टैग्नेटिड वाटर तकनीक किसानों के लिए फायदेमंद (Hydroponic Stagnated Water Technology Beneficial For Farmers)
वहीँ युसूफ खान का कहना है कि इस तकनीक में बिजली का खर्च भी न के बराबर होता है. रुके हुए पानी में न तो किसी पंप की जरूरत है और न ही किसी कूलिंग डिवाइस की आवश्यकता पड़ती है. इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस तकनीक से उगने वाला फल बहुत अधिक स्वस्थ्यावर्धक होता है. प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने बताया कि उन्होंने स्टेग्नेटिड वाटर हाइड्रोपोनिक तकनीक से स्ट्रॉबेरी लगाने का कमर्शियल परीक्षण किया है जोकि कामयाब रहा है और स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए यह एक अच्छी विधि है.