किसानों के लिए खुशखबरी! 8 कृषि यंत्रों पर मिलेगा भारी अनुदान, आवेदन की अंतिम तिथि 8 अप्रैल तक बढ़ी Mukhyamantri Pashudhan Yojana: गाय, भैंस और बकरी पालन पर 90% अनुदान दे रही है राज्य सरकार, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया सौर ऊर्जा से होगी खेतों की सिंचाई! PM Kusum Yojana में किसानों को मिलेगी 2.66 लाख तक की सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 8 September, 2023 5:24 PM IST
Organic farming

हम सभी के जीवन का एक सपना होता है. एक अच्छी जॉब, एक अच्छी कार और एक अच्छा बंगला खरीदने की. लेकिन कुछ लोग इससे इतर सोचते हैं. जिन्हें सिर्फ अपना परिवार का साथ चाहिए होता है. वे अपनों से दूर नहीं रह पाते है. ऐसी ही एक कहानी है राजस्थान के अलवर जिले के एक युवक की, जिसकी कहानी आप सभी को चौंका देगी. जीं हां हम बात कर रहे है राजस्थान के रहने वाले रजनीश कुमार की. जिन्होंने बड़े संस्थानों से अच्छी एजुकेशन प्राप्त की. शिक्षा पूरी होने के बाद देश ही नहीं विदेशों की कंपनी में भी काम किया. लेकिन लाखों रुपयों का पैकेज भी उन्हें खुश नहीं कर पाया. फिर वो एक दिन आया जब उन्होंने जैविक खेती करने का मन बनाया. तो आइये जानते है कि उनके जीवन में कहां से आया ये यू-टर्न...

लंदन से दिल्ली का सफर

रजनीश कुमार की प्राथमिक शिक्षा अलवर शहर के एक सरकारी विद्यालय राजकीय कांकरिया से हुई है. इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी अजमेर से ग्रेजुएशन किया. फिर तीन साल तक सीएएस का कोर्स किया. जिससे उन्हें सीएएस में नौकरी मिली. कुछ दिन नौकरी करने के बाद उन्हें लंदन की एक कंपनी से अच्छा ऑफर आया, जिसके बाद वे सीएएस की नौकरी छोड़कर लंदन चले गए और वहां एक बड़ी कंपनी में नौकरी करने लगे. वहीं समय बीतता गया और लंदन में नौकरी करते हुए तीन साल बीत गए. लेकिन अब उन्हें अपने घर की यादें सताने लगी. 

रजनीश कुमार को अपने माता-पिता से बहुत लगाव था. जिस कारण उन्होंने फैसला लिया कि अब लंदन की नौकरी छोड़कर अपने देश वापस जाना है. खैर वो दिन भी दूर नहीं था जब वे लंदन की नौकरी छोड़कर वे दिल्ली आ गए. और अब उन्हें यहां एक कंपनी से 25 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी भी मिल गई. लेकिन पहले की तरह इस बार भी वे लुभाने पैकेजों से खुश नहीं थे. जिस कारण उन्होंने आखिरी फैसला नौकरी छोड़ने का लिया. जिसके बाद वे अब अपने घर वापस चले गए. यहां से उनकी जिंदगी ने यू-टर्न ले लिया.  

ये भी पढ़ें: Sapota Cultivation: चीकू में लगने वाले कीट और इसका रोकथाम

खेती की शुरूआत

रजनीश आज जैविक खेती करते है, उन्होंने बताया कि वह अपने खेत में बाजरा, गेंहू, कपास और अन्य विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाते हैं. इसके लिए वह जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं.

कमाई

रजनीश के घर कुल 10 एकड़ की जमीन है. उनके पिता जी पेशे से एक किसान ही थे, लेकिन वह इस बदलते खेती के तरीके से अवगत नहीं थे. रजनीश ने खेती की शुरुआत वैज्ञानिक माध्यमों से की और नए कृषि उपकरणों का इस्तेमाल भी करना शुरु किया. वह हर साल लभगग 35 से 40 लाख रुपये की कमाई करते हैं.  

English Summary: This young man left his job and started organic farming
Published on: 08 September 2023, 05:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now