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Updated on: 31 March, 2023 8:30 PM IST
ऐसे खड़ा किया ‘मिलेट एम्पायर’

के वी रामा सुब्बा रेड्डीएक अकाउंटेंटजिन्होंने कॉर्पोरेट क्षेत्र में 28 साल काम कियापर इस दौरान उनके दिल में हमेशा ये चाहत रही कि वह आंध्र प्रदेश के नांदयाल ज़िले में अपने छोटे से गांव में खेती करने में ज़्यादा समय बिताएं.

रेड्डी बताते हैं, "मेरे परिवार के अधिकांश सदस्य किसान हैं जो पारंपरिक कृषि करते हैं. कुछ फल और सब्ज़ियां उगाते हैं, या अन्य अनाज के उत्पादन में लगे हुए हैं. अपने अनुभवी किसान भाइयों की मदद से साल 2013 में मैंने गांव में ही बागवानी फ़ार्म खोला.

एकाउंटेंट के रूप में काम करते हुए रेड्डी दिल्ली में रह रहे थे और जब भी वे अपने गांव वापस जाते थे तो अपने खेत की देखभाल करते थे. जब वो गांव से दूर रहते थे तो खेती की ज़िम्मेदारी भाइयों के कंधे पर होती थी. उन्होंने कहा, "मुझे खेती में दिलचस्पी तब से थी जब मैं एक छोटा बच्चा थाख़ुद खेती करने के बाद मैंने महसूस किया कि आधुनिक दुनिया में पारंपरिक मॉडल अब उपयोगी नहीं हैं. बिचौलियों के शोषण और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से किसानों की समस्याएं बढ़ जाती हैं".

इसे ध्यान में रखते हुएउन्होंने 2017 में अपने शहर के आरामदायक जीवन और सुरक्षित नौकरी को छोड़ने का फ़ैसला किया और "आधुनिक किसान" बनने के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया.

मिलेट्स उगाना शुरू करने के लिएरेड्डी ने 2017 में अपने बागवानी फ़ार्म के क़रीब 20 एकड़ ज़मीन ख़रीदी. वो कहते हैं कि मिलेट्स चुनने के कई कारण हैं, एक थी पुरानी यादें— दरअसल मेरी मां तरह-तरह के मिलेट के व्यंजन बनाती थीं. दूसरी वजह ये है कि, मिलेट्स कीटों के हमलों के प्रतिरोधी होते हैंइसलिए अच्छी फसल पैदा करने के लिए रासायनिक कीटनाशकों या उर्वरकों की ज़रूरत नहीं होती है. 54 वर्ष के वी रामा सुब्बा रेड्डी बताते हैं कि "मैं मिलेट मैन ऑफ़ इंडिया (Millet Man of India) के रूप में जाने जाने वाले डॉ. खादर वली के कार्यों से भी अत्यधिक प्रभावित था

रेड्डी ने मिलेट्स की खेती करने और फ़सल से मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने के लिए पारंपरिक खेती के तरीक़ों का उपयोग करने के अलावा मिलेट प्रसंस्करण व्यवसाय और एक कृषि कंपनी स्थापित करने का फ़ैसला लिया. उन्होंने मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी फैलाकर और इसे देश में सभी के लिए सुलभ बनाकर ऐसा करने का इरादा किया.

2018 मेंरेड्डी ने दो ब्रांडरेनाडु और मिबल्स बनाए. एक साबुत अनाज की बिक्री के लिए और दूसरा मिलेट्स से तैयार खाद्य पदार्थों की बिक्री के लिए. अब दोनों ब्रांडों का संयुक्त रेवेन्यू लगभग 1.7 करोड़ रुपये है. रेड्डी कहते हैं कि साल 2023 में वो इसे दोगुना करना चाहते हैं.

अपनी 60 एकड़ की भूमि में खेती के अलावा उन्होंने राज्य के क़रीब 20 मिलेट किसानों के साथ मिलकर बुवाई के समय निर्धारित मूल्य पर उनकी उपज ख़रीदी.

उनके रेडी-टू-ईट स्टोर में चीनी और ग्लूटेन-मुक्त नए उत्पाद जैसे कि मिलेट्स के लड्डूमुरुक्कूबिस्कुट और मिक्स फ़ूड, मौजूद हैं. वो कहते है कि, मुझे आशा है कि यह लोगों को अपने नियमित आहार में मिलेट्स को ज़्यादा शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा.

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रेड्डी की कामयाबी से प्रेरित होकर राज्य के मिलेट्स उत्पादक उन्हें मिलेट मैन कहते हैं. केवी राम सुब्बा रेड्डी को ANGRAU- RARS नांदयाल द्वारा "सर्वश्रेष्ठ प्रगतिशील किसान" और MILLETS उत्पादों की व्यापक आपूर्ति के लिए ICAR-IIMR, हैदराबाद द्वारा "सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप किसान कनेक्ट" के रूप में सम्मानित किया जा चुका है.

English Summary: this man quits job and created millet empire
Published on: 31 March 2023, 03:43 PM IST

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