किसान अपनी खेती से तगड़ा मुनाफा कमाने के तरीकों को ख़ोज कर (Ways to earn profit in farming) निकाल रहे हैं. यदि उनकी खेती पारंपरिक तरह से उन्हें फायदा नहीं दे रही है तो वो मॉडर्न तकनीक (Modern technology for farming) की ओर अपना कदम उठा रहे हैं. वहीं कुछ किसान तो अपने खेत में भी नए-नए फसलों (New crops for profit) को उगा बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.
बेर की खेती शुरू कर कमाया लाभ (Profit earned by starting plum cultivation)
इसी संदर्भ में हरियाणा के सोनीपत जिला के मछोला गांव के सुनील (Sunil of Majhola village in Sonepat district of Haryana) ने अपनी परंपरागत खेती को छोड़ नयी खेती को अपनाया है. यह एक युवा किसान है और इन्होंने गेंहू और धान की खेती (Wheat and Paddy Cultivation) को छोड़ ऐसी फसल की किस्मों को उगाया है जो सिर्फ तीन महीनों में फल देना शुरू कर देती हैं.
बेर की किस्में (Plum varieties)
जी हां, युवा किसान सुनील ने अपने बाग में बेर की खेती (Plum cultivation) शुरू की है. इसमें इन्होने एप्पल, बाल सुंदरी, माधोपुर किस्म के बेर लगाए हैं. जिससे वह हर महीने लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.
मार्किट में करते हैं खुद सप्लाई (Supply yourself in the market like this)
यही नहीं, सुनील अपने बेरों को किसी सब्जी मंडी में नहीं बेचते हैं बल्कि वह खुद अपनी पैकजिंग कर के इसको शहरों और अन्य जगहों पर सप्लाई कर रहे हैं. यह अपने खेत में मजदूरों से बेर तुड़वाकर कई दुकानों में सप्लाई करवा रहे हैं.
बेर की जैविक खेती (Organic farming of plum)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुनील अपने बाग़ में आर्गेनिक तरह से खेती (Organic farming) कर रहे हैं. यह अपने बाग़ में बेरों की खेती के लिए जैविक खाद (Organic Manure) का इस्तेमाल करते हैं. यही वज़ह है कि मार्किट में इसकी डिमांड बहुत है क्योंकि लोग लगातार आर्गेनिक फलों की मांग कर रहे हैं.
खेती में ऐसे कमाएं एक बार में लाखों का मुनाफा (Earn in this way a profit of lakhs in one go)
सफल किसान सुनील कुमार का कहना है कि "उन्होंने इस बाग को 2020 में लगाया था और शुरुआत में इसे लगाने में 2.5 लाख रुपये का खर्च आया था. वे करीब 10 लाख रुपये के प्लम फल पास के बाजार में बेच रहे हैं और इस बेर को विदेश भी भेजने की तैयारी कर रहे हैं".
आगे सुनील का कहना है कि "उनके भाई ने उन्हें यह जैविक बेर का बाग लगाने की सलाह दी थी.
जिसके बाद उन्होंने 1 एकड़ में बेर की तीन किस्मों के बेर लगाए थे. हम इस बेरी के बगीचे में गोबर की खाद और गौमूत्र का उपयोग कर रहे हैं ताकि किसी के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो".