कृषि जागरण अपने लेख के द्वारा कई सफल किसान की प्रेरणादायक कहानी आपके साथ साझा करता रहता है, ताकि किसान भाई इसे पढ़कर प्रेरणा ले सकें और खेती-बाड़ी के द्वारा उचाईयों को छू सकें.
इसी कड़ी में कृषि जागरण डॉ श्रवण कुमार यादव की कहानी साझा करने जा रहा है. डॉ श्रवण कुमार यादव ने जैविक खेती कर कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं. डॉ श्रवण कुमार यादव ने जैविक खेती में MSc and PhD की डिग्री भी ली हुई है. ऐसे में चलिए इनकी कहानी इनके जुबानी इस लेख में जानते हैं.
पढ़ें, सफल किसान डॉ श्रवण कुमार यादव की रोचक कहानी
मैं श्रवण कुमार यादव (MSc and PhD in organic farming) गांव सुंदरपूरा तहसील किशनगढ़ रेनवाल जिला जयपुर का रहने वाला हूं. मैं जैविक खेती 10 साल से कर रहा हूं. मेरे पिता जी को 2021 में जयपुर जिले में बेस्ट जैविक किसान का अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
साल 2022 में पिता जी को पूरे राजस्थान में बेस्ट जैविक किसान का अवार्ड माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा मिला. पिछले साल कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की छुट्टियों को मैंने एक अवसर में बदल कर यह साबित किया है कि किसान चाहे तो सब कुछ कर सकता है.
मैंने शुरुआत में 15 वर्मीबेड लगाई थी, मेरे गांव में सब लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया, लेकिन मैं लगातार मेहनत करता रहा और आज मैंने मेरे गांव के 11 लोगों को रोजगार देकर वर्मीबेड की संख्या 1000 कर दी है. सब खर्चे निकालने के बाद मुझे हर महीने लगभग 1 लाख रुपए तक का आय होती है, इसलिए मैं सभी किसान भाइयों से निवेदन करता हूं कि आप जैविक खेती करके अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं, जिससे समाज एवं देश का भला होगा.
मैंने साल 2020 के जुलाई महीने में एक हेक्टेयर में थाई एप्पल बेर के भी 1000 पौधे लगाकर हमारे क्षेत्र में साबित किया कि बिना पानी वाले क्षेत्रों में भी हम अच्छे से खेती करके आगे बढ़ सकते हैं. जरूरत है तो यह है कि यदि पानी नहीं है तो ऐसी फसल लगाई जाए जिसको कम पानी की आवश्यकता हो. जैसे की मैंने एप्पल बेर लगाया. आज मेरे एप्पल बेर के बगीचे 22 महीने के हो गए हैं और इस साल प्रति पौधे से 30 किलो उपज प्राप्त हुई. इस हिसाब से मुझे एक हजार पौधों से लगभग 300 क्विंटल उपज प्राप्त हुई, जिसका बाजार मूल्य 20 किलो के हिसाब से 6 लाख की आमदनी हुई.
आज मेरे वर्मीकंपोस्ट की जो भी मार्केटिंग होती है सब ऑनलाइन होती है. मेरा खुद का यूट्यूब चैनल है, जिसका नाम डॉक्टर ऑर्गेनिक वर्मीकंपोस्ट फार्म है. मेरे युटुब चैनल को लगभग 20000 लोगों ने सब्सक्राइब किया है. मेरे चैनल पर वर्मीकंपोस्ट से संबंधित 222 से अधिक वीडियो हैं और इन वीडियो को लगभग 30 लाख लोगों ने देखा है.
रोजाना मेरे पास लगभग 200 फोन आते हैं और सभी की डिमांड होती है मेरा किसानों को केंचुएं देने का तरीका बिल्कुल अलग है. मैं 1 किलो में लगभग 2000 से 2500 केंचुएं किसानों को देता हूं और यदि कोई किसान और कहीं से केंचुएं लेते हैं, तो उनको एक किलो में लगभग 300 से 400 केंचुएं ही प्राप्त होते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए मैं सभी किसान भाइयों से निवेदन करना चाहता हूं कि जिस किसान भाइयों को केंचुएं एवम् वर्मीकंपोस्ट चाहिए वह मेरे से संपर्क कर सकता है. उसको पूरा टेक्निकल नॉलेज मिलेगी और मैं उसको A टू Z वर्मीकंपोस्ट कैसे बनाएं इसकी पूरी जानकारी दूंगा और उसकी हर प्रकार की मदद करूंगा.