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Updated on: 18 June, 2020 7:12 PM IST

सर्वप्रथम मुझे स्ट्रॉबेरी की खेती करने की प्रेरणा मेरे मित्र रविंद्र स्वामी स्वामी कृषि फार्म गोलाना झालावाड़ से मिली. वह कुछ क्षेत्रफल में स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं. उसी ने मुझे कहा कि आपके यहां तो जयपुर जैसा मेट्रो शहर है, जहां पर स्ट्रॉबेरी की अच्छी खपत होती है इसलिए आप स्ट्रॉबेरी की खेती की ट्रायल कर सकते हैं. इसी बात को मानते हुए मैंने स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी इंटरनेट के जरिए ली तथा स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगाने का निश्चय किया.पुणे महाराष्ट्र से मैंने उत्तक संवर्धन तकनीकी द्वारा तैयार पौधे मंगवाए जो मेरे पास 2 अक्टूबर को आए जिन्हें मैंने 3 अक्टूबर को मेरे खेत में 5000 पौधे स्ट्रॉबेरी के लगभग 1 बीघा जमीन में लगाए. 5000 पौधों में से 450 पौधे तेज 23 तापमान की वजह से मर गए तेज धूप से बचाने के लिए मैंने लो टनल का उपयोग किया तथा पूरे खेत में तापमान कम करने के लिए फव्वारे चलाएं तेज धूप के साथ साथ रोगों व कीटों के नियंत्रण के लिए मैंने बायो रोग नासी व बायो कीटनाशक पदार्थ जो मैंने पहले से तैयार कर रखे थे उनका उपयोग किया धीरे धीरे पौधे अपने वृद्धि करने लगे तथा 5 नवंबर को मैंने देखा कि कुछ स्ट्रॉबेरी के फल लगे हुए हैं जो 8 नवंबर तक पक कर तैयार हो गए.

कृषि मंत्री ने फॉर्म का किया दौरा

अब तैयार फसल को बाजार में बेचने के लिए मुझे पैकिंग सामग्री की आवश्यकता हुई लेकिन जयपुर में पैकिंग सामग्री नहीं मिलने पर मैंने दिल्ली में पैकिंग सामग्री मंगवाई. 10 नवंबर से मैंने स्ट्रॉबेरी बेचना प्रारंभ कर दिया तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि यह स्ट्रॉबेरी जयपुर में ही कहीं पर पैदा हुई है इसी दौरान माननीय कृषि मंत्री महोदय एक कार्यक्रम में पड़ोस के गांव में आए हुए थे वहां पर मैंने मंत्री महोदय से निवेदन किया कि मैंने स्ट्रॉबेरी लगाई है सर एक बार आकर मेरे फार्म का अवलोकन करें तो मेरे निवेदन को मानते हुए मंत्री महोदय ने मेरे फार्म का 14 नवंबर को विजिट किया तब लोगों को विश्वास होने लगा कि यह स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कालख जैसे छोटे गांव में ही हुआ है. अब मेरा स्ट्रॉबेरी का उत्पादन थोड़ा अधिक होने लगा और धीरे-धीरे मेरे सामने जो बेचने में कठिनाई आती थी वह खत्म होने लगी लेकिन स्ट्रॉबेरी की सही आकृति व आकार नहीं बन पाने के कारण मुझे सही मूल्य नहीं मिल रहा था इसलिए मैंने मधुमक्खी पालन चालू किया मधुमक्खी पालन चालू करने से पहले 26 जनवरी को एसकेएन एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीमान जेएस संधू ने भी मेरे फॉर्म का अवलोकन किया.

स्ट्रॉबेरी की खेती से शुद्ध लाभ ₹80000 मिला

17 नवंबर को किसान सम्मेलन में मुझे अपनी स्ट्रॉबेरी की खेती की प्रदर्शनी लगाने का मौका मिला तथा माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी देने का अवसर मुझे मिला अब तक मैं लगभग 800 किलो स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर चुका हूं तथा अभी एक माह और उत्पादन होने की संभावना है जिसका लगभग मूल्य ₹160000 का उत्पादन मिल चुका है. जिससे मुझे शुद्ध लाभ ₹80000 मिल चुका है स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ-साथ मैं ब्रोकली लेट्यूस खीरा मिर्ची स्वीट कॉर्न टिंडे की खेती भी कर रहा हूं यह सभी मैं ऑर्गेनिक तरीके से उत्पादित करता हूं.
लेखक: गंगा राम सेपट
प्रगतिशील किसान जैविक खेती,सेपट ऑर्गेनिक कृषि फार्म, कालख, जयपुर

English Summary: Successful farmer made by cultivating strawberries, know his success story
Published on: 18 June 2020, 07:15 PM IST

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