Success Story of Agripreneur and RFOI 2024 Nituben Patel: भारत में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करता है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का भी मुख्य स्रोत है. लेकिन आज की दुनिया में, जहां तकनीकी बदलाव और आधुनिकता तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां कुछ ऐसे किसान भी हैं जो पारंपरिक कृषि पद्धतियों को छोड़कर, नए और प्रगतिशील तरीकों को अपनाकर सफलता की मिसाल कायम कर रहे हैं. एक ऐसी प्रेरणास्त्रोत किसान हैं गुजरात के राजकोट जिले की रहने वाली नीतूबेन पटेल, जिन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और नवीनतम कृषि पद्धतियों से न केवल कृषि क्षेत्र में बदलाव लाया, बल्कि महिलाओं के लिए भी एक नया मार्ग प्रशस्त किया.
कृषि उद्यमी नीतूबेन पटेल की इन्हीं उपलब्धियों और आमदनी को ध्यान में रखते हुए कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स 2024’ (Millionaire Farmer of India Awards 2024) में उन्हें ‘रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड (Richest Farmer of India Award) मिला है, जो उनकी कृषि उद्यमिता, जैविक और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में किए गए शानदार योगदान का प्रमाण है.
यह प्रतिष्ठित सम्मान 3 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली के पूसा में आईएआरआई ग्राउंड में एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया. यह पुरस्कार केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एम.सी. डोमिनिक, कृषि जागरण की प्रबंध निदेशक शाइनी डोमिनिक और महिंद्रा ट्रैक्टर्स के विपणन सेवाएं- महिंद्रा फार्म डिवीजन के प्रमुख उज्ज्वल मुखर्जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रदान किया गया.
वहीं, नीतूबेन पटेल, जिनकी सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है, को ‘रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ (RROI) यानी 'भारत के सबसे अमीर किसान' (Richest Farmer of India) के रूप में मान्यता मिलने से पूरे देश में एक शक्तिशाली संदेश गया है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं न केवल भागीदार हैं, बल्कि भारतीय खेती के भविष्य को आकार देने में अग्रणी हैं. ऐसे में आइए, उनकी सफलता की कहानी (Success Story) के बारे में विस्तार से जानते हैं-
सजीवन की स्थापना और सफलता की दिशा
नीतूबेन पटेल का बचपन से ही कृषि में कुछ नया करने का सपना था. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद काफी सामाजिक कार्य किए. कई समूहों के साथ मिलकर काम किया. उन्होंने बताया, “मेरे मन में पहले कोई ऐसा विचार नहीं था कि मैं कोई ब्रांड बनाऊं या कोई कंपनी बनाऊं. हालांकि, 2018 में कृषि क्षेत्र में एक उद्यमी के रूप में कदम रखने का निर्णय लिया और 23 जून, 2023 को "सजीवन" नामक एक ऑर्गेनिक फार्म की स्थापना की, जिसका मुख्य मकसद किसानों की सभी जरूरतों में मदद करना था. इसके अलावा हम इसके अंतर्गत कृषि संबंधी कई तरह के प्रोजेक्ट पर भी काम कर चुके हैं या फिर अभी कर रहे हैं."
"सजीवन" आज कई प्रोजेक्ट के माध्यम से लगभग 1,00,000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर विभिन्न प्रकार के जैविक और प्राकृतिक उत्पादों का उत्पादन कराता है. सजीवन का उद्देश्य केवल किसानों को जैविक कृषि की ओर प्रेरित करना नहीं है, बल्कि यह एक मिशन बन गया है, जिसमें किसानों को सुरक्षित और बिना रासायनिक उर्वरकों के उत्पाद उगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. सजीवन में लगभग 250 से अधिक जैविक उत्पादों का उत्पादन किया जाता है, जो न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात होते हैं. इन उत्पादों को उगाने में अमृत मिट्टी (AMRUT MITTI) और अमृत जल (AMRUT JAL) का उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं और खाद्य उत्पादों में पोषण तत्वों की गुणवत्ता को बनाए रखते हैं.
महिला किसानों के लिए प्रेरणा
नीतूबेन पटेल के लिए कृषि सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक सामाजिक सेवा है. उन्होंने हमेशा इस बात को ध्यान में रखा कि उनकी सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समाज के अन्य किसानों, विशेष रूप से महिलाओं, के लाभ के लिए हो. नीतूबेन पटेल ने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि महिलाएं अगर सही मार्गदर्शन और अवसर प्राप्त करें तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं.
उनकी मेहनत और समर्पण ने देश के हजारों किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में जागरूक किया है. इसके साथ ही, नीतूबेन ने 1,00,000 एकड़ भूमि को जैविक और प्राकृतिक खेती में परिवर्तित किया है, जिससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि हुई है, बल्कि पर्यावरण का भी संरक्षण हुआ है.
'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड की प्राप्ति
नीतूबेन पटेल की मेहनत और उनके द्वारा किए गए अद्वितीय कार्य को मान्यता मिलना समय की बात थी. अब उन्हें कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड्स 2024 में 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' का अवार्ड मिला है. यह अवार्ड उन्हें उनकी कृषि उद्यमिता, आमदनी, जैविक और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में किए गए शानदार योगदान के लिए दिया गया. यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस अवार्ड के माध्यम से न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों को सराहा गया, बल्कि यह देश भर के उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बना जो कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहती और आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं.
कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स 2024’ में ‘रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने कहा, “बहुत अच्छा लगा. यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अवार्ड था. पहले मैं सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं थी, लेकिन जब मुझे अवार्ड मिला तो मुझे यह एहसास हुआ कि नेटवर्किंग होना बहुत जरूरी है. सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के जरिए आप बहुत सी नई जानकारी और अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. वहां पर बहुत अच्छे लोग भी मिलते हैं, जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है. अवार्ड मिलने के बाद मुझे बहुत कॉल आ रहे हैं. उन कॉल्स से बात करके मुझे यह महसूस हो रहा है कि उनके साथ मिलकर नए अवसरों पर काम किया जा सकता है. कई सारे गांवों से मुझे कॉल आ रहे हैं कि हमें आपसे जुड़ना है, क्या करें? कैसे आपसे जुड़ सकते हैं? मैं यदि एक वाक्य में कहूं तो आपके द्वारा दिए गए अवार्ड से मेरी लाइफ पूरी बदल गई है. मुझे यह अवार्ड मिलने से पहले, बहुत कम लोग मेरे काम के बारे में जानते थे, लेकिन अब लगभग 20 न्यूज़ पेपर में मेरा आर्टिकल छपा. इतनी पब्लिसिटी मुझे पहली बार मिली है. 20 सालों के बाद मेरी फैमिली के साथ बहुत सारे लोगों की नजर अब मेरे कार्यों पर पड़ी है और उन्हें मेरे काम में रुचि है. इस अवार्ड के लिए मुझे चुनने के लिए मैं डोमिनिक सर, शाइनी मैम और कृषि जागरण परिवार को दिल से धन्यवाद देती हूं. इस अवार्ड ने मुझे आत्मविश्वास और प्रेरणा दी है, जिससे मैं अपने काम को और बड़े स्तर पर लेकर जा सकती हूं.”
सामाजिक और पर्यावरणीय योगदान
नीतूबेन पटेल की सफलता की कहानी सिर्फ व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं है. उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से यह भी दिखाया कि कैसे कृषि उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है. सजीवन के तहत वे कंपनी आधारित कार्बन क्रेडिट और नैतिक सामुदायिक समाधान के जरिए पर्यावरण की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न उद्यमियों और कंपनियों के साथ मिलकर कृषि और पर्यावरण से संबंधित समस्याओं के समाधान खोजे हैं.
प्रेरणा और भविष्य
नीतूबेन पटेल की कहानी न केवल कृषि क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है. उन्होंने यह साबित किया है कि अगर किसी में अपने काम को लेकर जुनून हो और वह सही दिशा में मेहनत करे, तो कोई भी मुश्किल रुकावट नहीं बन सकती. उनका जीवन यह सिखाता है कि कृषि में नवाचार, समर्पण और सही मार्गदर्शन से न केवल व्यापार में सफलता पाई जा सकती है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है.
नीतूबेन पटेल के द्वारा दिखाए गए इस रास्ते पर चलकर देश की महिलाएं न केवल अपने परिवार को खुशहाल बना सकती हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं. उन्होंने अपनी सफलता से यह सिद्ध कर दिया कि महिलाओं के लिए कृषि में अपार संभावनाएं हैं, अगर उन्हें सही अवसर और मार्गदर्शन मिले.
'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' नीतूबेन पटेल का इंटरव्यू देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें- Link