उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के रहने वाले किसान सुरेंद्र सिंह पिछले 20 वर्षों से खेती-किसानी कर रहे हैं. अपने गांव में उन्हें खेती-बाड़ी में उत्कृष्टता के लिए विशेष पहचान मिली है. बीते 6 सालों से वह मुख्य रूप से मूली की खेती कर रहे हैं, जिसमें सोमानी सीड्स की HYB Cross X-35 किस्म उनकी पसंदीदा है. इसके अलावा, वह आलू, मेथी, और मटर की भी खेती करते हैं. आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम इस लखनऊ के इस मूली किसान की संघर्ष और तकनीक से खेती करने की पूरी विधि के बारे में जानते हैं...
खेती की तकनीक और तरीके
सुरेंद्र सिंह के पास 3.5 एकड़ जमीन है, जिसमें से 2 एकड़ में वह मूली की HYB Cross X-35 किस्म की खेती करते हैं और शेष क्षेत्रफल में वह आलू, मेथी, और मटर समेत अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं. मूली की बेहतर उपज पाने के लिए सुरेंद्र सिंह आधुनिक और रासायनिक तरीकों का उपयोग करते हैं. वह खेती के दौरान मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और कीटों से बचाव के लिए संतुलित उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं. इसके अलावा, खेती से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए वह कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेते हैं. मौसम और तापमान के अनुसार दवाओं की मात्रा तय करते हैं ताकि फसल पर विपरीत प्रभाव न पड़े. उनके यह प्रयास मूली की उन्नत किस्म HYB Cross X-35 में अधिक उत्पादन और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं. खेती के साथ-साथ सुरेंद्र सिंह पशुपालन भी करते हैं, जो उनकी अतिरिक्त आय का एक बड़ा स्रोत है.
मूली की खेती में आने वाली चुनौतियां
सुरेंद्र बताते हैं कि मूली की HYB Cross X-35 किस्म में तापमान के अनुसार खेती करनी पड़ती है. मूली की फसल में अधिक तापमान पर कीट और रोग का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि मूली की फसल तापमान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है. उच्च तापमान पर कीट और रोग का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फसल खराब हो सकती है. ऐसे समय में वह दवाओं का इस्तेमाल बढ़ाते हैं और कम तापमान में दवाइयों का उपयोग घटा देते हैं.
इसके अलावा मूली की फसल को नियमित निगरानी और उचित सिंचाई जरूरी होती है. इसमें थोड़ी भी लापरवाही फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित कर सकती है. मूली की उपज अधिक वर्षा या सूखा फसल की वृद्धि और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है.
किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मूली की इन चुनौतियों से निपटने के लिए वह कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेते हैं और आसपास के किसानों के अनुभवों से भी सीखते हैं.
लागत और मुनाफा
अगर मुनाफे की बात करें, तो किसान सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने हाल ही में 10-12 बिस्वा जमीन में मूली की खेती की, जिससे उन्होंने करीब 1 लाख रुपये का मुनाफा प्राप्त हुआ है. उनकी यह सफलता खेती में सही तकनीक और समर्पण का परिणाम है.
किसान का युवाओं को संदेश
किसान सुरेंद्र सिंह का मानना है कि खेती आज के समय में सबसे अच्छा व्यवसाय है. उन्होंने कहा कि युवा जो शहरों में छोटी-मोटी नौकरियां कर रहे हैं, वे खेती-किसानी में बेहतर कमाई कर सकते हैं. मूली जैसी उन्नत किस्मों की खेती कर किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
निष्कर्ष:
सुरेंद्र सिंह की कहानी यह दिखाती है कि अगर सही तकनीक, मेहनत और समर्पण के साथ खेती की जाए, तो इसे एक लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है. उनकी सफलता अन्य किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.