Success Story of Rajasthan Organic Farmer Gopeshwar Singh Yadav: गोपेश्वर सिंह यादव, जो एक समय भारतीय सेना के जवान थे, आज राजस्थान के अलवर जिले में एक प्रगतिशील किसान के रूप में जाने जाते हैं. किसान गोपेश्वर सिंह यादव ने जैविक खेती की दुनिया में अपनी कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से सफलता की एक मिसाल कायम की है. वह वर्तमान में प्रति एकड़ 1 लाख रूपये का मुनाफा कमा रहे हैं और उनकी सफलता की कहानी न केवल किसानों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यदि व्यक्ति सही दिशा में मेहनत करे तो कोई भी क्षेत्र उसे सफलता दिला सकता है.
प्रगतिशील किसान गोपेश्वर सिंह यादव का जैविक खेती का सफर न केवल खेतों की उपज बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि वह एक स्थिर और लाभकारी जीवन की ओर भी बढ़े हैं. उनके द्वारा अपनाए गए TCBT फार्मूला ने न केवल उनकी खेती को उन्नत बनाया, बल्कि कृषि क्षेत्र में उनकी पहचान भी बनवायी है. ऐसे में आइए, आज हम प्रगतिशील किसान गोपेश्वर सिंह यादव की जैविक कृषि क्षेत्र में तय की गई प्रेरणादायक यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं-
सेना से रिटायरमेंट और खेती की ओर रुख
गोपेश्वर सिंह यादव ने 2019 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं. सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करने का फैसला किया. हालांकि, उन्हें पारंपरिक खेती के तरीकों में कई चुनौतियां नजर आईं, जैसे रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, मिट्टी की उर्वरता में कमी, और पानी की बर्बादी. इन समस्याओं को देखते हुए उन्होंने जैविक खेती की ओर रुख करने का निर्णय लिया.
जैविक खेती की शुरुआत और TCBT फार्मूला की खोज
नवंबर 2019 से नवंबर 2020 तक गोपेश्वर सिंह यादव ने जैविक खेती के बारे में गहन शोध किया. वह कई प्रगतिशील किसानों से मिले, सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी इकट्ठा की, और कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली. इसी दौरान उन्हें TCBT फार्मूला के बारे में पता चला. यह फार्मूला पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) पर आधारित है, जो मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है और फसलों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखता है. गोपेश्वर ने इस फार्मूला को अपनाने का फैसला किया और अपनी खेती की दिशा बदल दी.
TCBT फार्मूला का उपयोग और खेती में बदलाव
प्रगतिशील किसान गोपेश्वर सिंह यादव ने TCBT फार्मूला के अनुसार अपने खेतों में कई बदलाव किए. उन्होंने हरी खाद का इस्तेमाल करके मिट्टी में कार्बनिक तत्वों की मात्रा बढ़ाई. इसके अलावा, उन्होंने स्वदेशी बीजों का चयन किया, क्योंकि इनमें हाइब्रिड बीजों की तुलना में बीमारियां कम लगती हैं. उन्होंने फसल चक्रण (क्रॉप रोटेशन) का भी पालन किया, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रही और कीटों का प्रकोप कम हुआ.
सीजन के अनुसार फसलों का चयन
गोपेश्वर सिंह यादव ने सीजन के अनुसार फसलों, सब्जियों और फलों की खेती करना शुरू किया. इस रबी सीजन में उन्होंने गेहूं, गोभी, मूली, टमाटर, मेंथी, पत्ता गोभी, और मटर जैसी सब्जियों की खेती किया है. उन्होंने फलों में पपीता, सहजन, और बेर की खेती भी शुरू की. यह विविधता न केवल उनकी आय को बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी बनाए रखती है.
पानी की बचत के लिए आधुनिक सिंचाई तकनीक
गोपेश्वर सिंह यादव ने अपने खेतों में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को अपनाया है. इस तकनीक से पानी की काफी बचत होती है और फसलों को आवश्यकतानुसार पानी मिलता है. यह तरीका विशेष रूप से राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है, जहां पानी की कमी एक बड़ी समस्या है.
पशुपालन और जैविक खेती का संबंध
प्रगतिशील किसान गोपेश्वर सिंह यादव ने जैविक खेती को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पशुपालन भी शुरू किया है. उनके पास देसी नस्ल की गाय है, जिससे उन्हें प्राकृतिक खाद और दूध दोनों मिलता है. उनके अनुसार, यदि कोई 10 एकड़ में TCBT फार्मूला आधारित जैविक खेती करना चाहता है, तो वह महज एक देसी नस्ल की गाय से आसानी से कर सकता है. यह पशुपालन और खेती का संयोजन उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण कारक है.
जैविक उत्पादों की मार्केटिंग और मुनाफा
गोपेश्वर सिंह यादव की जैविक खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें अपनी उपज को बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती. जैविक उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, और लोग स्वस्थ खाने के प्रति जागरूक हो रहे हैं. इस वजह से उनकी फसलों और सब्जियों की अच्छी कीमत मिलती है. वर्तमान में वह प्रति एकड़ 1 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं, जो पारंपरिक खेती की तुलना में काफी अधिक है.
समाज के लिए प्रेरणा और भविष्य की योजनाएं
गोपेश्वर सिंह यादव की सफलता ने उन्हें क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए एक रोल मॉडल बना दिया है. वह अक्सर किसानों को जैविक खेती के फायदे बताते हैं और उन्हें TCBT फार्मूला अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं. उनकी योजना भविष्य में अपने खेतों का विस्तार करने और और अधिक किसानों को जैविक खेती से जोड़ने की है.
प्रगतिशील किसान गोपेश्वर सिंह यादव की सफलता की कहानी का इंटरव्यू देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-