GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल Prasuti Sahayata Yojana: श्रमिक महिलाओं को राज्य सरकार देगी 21,000 रुपए तक की आर्थिक मदद, जानें आवेदन प्रक्रिया! Seeds Subsidy: बीज खरीदने पर राज्य सरकार देगी 50% सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेगा लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 21 May, 2025 11:57 AM IST

Success Story of Apoorva Tripathi: अपूर्वा त्रिपाठी की कहानी एक ऐसी प्रेरणा है जो यह दिखाती है कि जब परंपरा, शिक्षा और नवाचार एक साथ आते हैं, तो समाज में असाधारण परिवर्तन संभव है. उनका बचपन छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में बीता, जहां चारों ओर हरियाली, खेती-बाड़ी और गहरी आदिवासी संस्कृति फैली हुई थी. उनके पिता, डॉ. राजाराम त्रिपाठी, एक प्रसिद्ध कृषक, प्रख्यात ग्रामीण अर्थशास्त्री, जैविक कृषि एवं पर्यावरण संरक्षण के विशेषज्ञ, तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक हैं.

उन्होंने अपूर्वा को न सिर्फ जैविक खेती और प्रकृति के प्रति प्रेम सिखाया, बल्कि यह भी बताया कि किस तरह स्थानीय ज्ञान को सम्मान देते हुए नवाचार और उद्यमिता की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है. अपूर्वा ने बचपन से ही देखा कि किस तरह आदिवासी समुदायों के पास अनमोल पारंपरिक हर्बल ज्ञान है, जिसे आधुनिक विज्ञान से जोड़कर न सिर्फ स्वास्थ्य में उपयोग किया जा सकता है, बल्कि इसे एक आर्थिक अवसर में भी बदला जा सकता है. इसी सोच से उनकी प्रेरणादायक यात्रा शुरू हुई.

हाल ही में अपूर्वा "ग्लोबल फार्मर बिज़नेस नेटवर्क" (GFBN) से जुड़ीं हैं, जो कि कृषि जागरण की एक राष्ट्रीय पहल है. इसका उद्देश्य भारत में टिकाऊ और सफल कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना है.

शिक्षा और शोध से निकली एक अनोखी पहल: MD Botanicals का जन्म

अपनी उच्च शिक्षा के दौरान, अपूर्वा ने बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और अंतरराष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता हासिल की. वे इन विषयों में पीएचडी कर रही हैं, जिसमें उनका शोध पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियों और पौधों की विविधता पर केंद्रित है. इस शोध के दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि हमारे देश के आदिवासी समुदायों के पास हर्बल चिकित्सा का जो पारंपरिक ज्ञान है, वह आज भी बड़े स्तर पर अनदेखा है. यह ज्ञान न सिर्फ बीमारियों के इलाज में उपयोगी है, बल्कि इसे वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित और प्रचारित करके एक नया स्वास्थ्य मॉडल खड़ा किया जा सकता है.

इसी सोच ने उन्हें प्रेरित किया कि वे MD Botanicals की नींव रखें—एक ऐसा सामाजिक उद्यम जो आदिवासी ज्ञान, महिला सशक्तिकरण, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ लेकर चलता है. MD Botanicals का मकसद न सिर्फ प्राकृतिक उत्पाद तैयार करना है, बल्कि उस पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है जिससे ये उत्पाद निकलते हैं.

जैविक खेती और पारंपरिक ज्ञान का मेल

MD Botanicals की सबसे बड़ी खासियत है इसकी पारदर्शिता और स्थानीयता. कंपनी जिन जड़ी-बूटियों और औषधियों का उपयोग करती है, वे सभी खुद के फार्मों पर उगाई जाती हैं. इन फार्मों में रसायनों का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं होता. अपूर्वा और उनकी टीम ने प्राकृतिक ग्रीनहाउस, वर्षा जल संचयन, और मृदा परीक्षण जैसी तकनीकों को अपनाकर खेती को पूरी तरह टिकाऊ बना दिया है.

यहां उत्पादों की श्रृंखला में अश्वगंधा, सफेद मूसली, काली मिर्च, तुलसी, गिलोय, और स्टीविया जैसी औषधीय पौधों से तैयार चाय, हर्बल कैप्सूल, पाउडर और मसाले शामिल हैं. इन सभी को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया गया है और गुणवत्ता जांच के बाद ही बाजार में भेजा जाता है. हर उत्पाद के पीछे सालों की शोध, आदिवासी जानकारों से बातचीत, और आधुनिक वैज्ञानिकों की भागीदारी शामिल है.

महिलाओं का सशक्तिकरण: सिर्फ रोज़गार नहीं, नेतृत्व में भागीदारी

MD Botanicals की आत्मा हैं बस्तर की आदिवासी महिलाएं. यहां करीब 90% कामकाज महिलाएं संभालती हैं — चाहे वह खेती हो, औषधियों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग या मार्केटिंग. अपूर्वा सिर्फ उन्हें रोजगार नहीं दे रही हैं, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर रही हैं, आत्मनिर्भर बना रही हैं और नेतृत्व की भूमिका में लाने का प्रयास कर रही हैं.

इन महिलाओं को फार्मिंग के साथ-साथ मार्केटिंग, सोशल मीडिया, डिजिटल भुगतान और कस्टमर डीलिंग तक की ट्रेनिंग दी जाती है. कई महिलाएं अब छोटी-छोटी टीमों का नेतृत्व कर रही हैं और कंपनी के निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. इससे उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण तो मिला ही है, साथ ही आत्मविश्वास और समाज में सम्मान भी प्राप्त हुआ है.

कला, संस्कृति और पहचान को नया जीवन

MD Botanicals केवल स्वास्थ्य उत्पादों की कंपनी नहीं है, यह बस्तर की कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करती है. इसके उत्पादों की पैकेजिंग में बस्तर की प्रसिद्ध वारली और ढोकरा कला को शामिल किया गया है. यह केवल एक डिजाइन नहीं, बल्कि एक आदिवासी समुदाय की पहचान और गौरव का प्रतीक है. यह प्रयास इन कलाकारों को भी रोज़गार प्रदान करता है और उनकी कला को वैश्विक मंच पर ले जाता है.

हर उत्पाद के साथ एक कहानी जुड़ी होती है—कहानी उस महिला की जो जड़ी-बूटियों को चुनती है, उस किसान की जो उसे उगाता है, और उस भूमि की जिसने उसे पोषित किया है. यही भावना MD Botanicals को खास बनाती है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रभाव: महिलाओं के लिए खास समाधान

MD Botanicals ने कुछ विशेष हर्बल फॉर्मूलेशन तैयार किए हैं जो खासकर महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे थायरॉइड और PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) में फायदेमंद हैं. इन उत्पादों को लेकर हजारों महिलाओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और बताया है कि उपयोग के 45 से 60 दिनों के भीतर उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ.

इस सफलता ने अपूर्वा के उस दृष्टिकोण को और मजबूती दी है जिसमें वह पारंपरिक ज्ञान का इस्तेमाल करके आज के समय की स्वास्थ्य समस्याओं का हल ढूंढ रही हैं. इसी से प्रेरित होकर उन्होंने और भी कई वेलनेस उत्पाद तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.

बाजार में पहचान बनाना: संघर्ष और सफलता की कहानी

हर्बल वेलनेस के क्षेत्र में एक नया ब्रांड खड़ा करना आसान नहीं था. अपूर्वा मानती हैं कि बाज़ार में अपनी जगह बनाना और लोगों का भरोसा जीतना एक बड़ी चुनौती थी, खासकर तब जब यह एक छोटे स्तर पर, किसी दूरदराज़ क्षेत्र से शुरू की गई महिला-नेतृत्व वाली पहल हो. लेकिन गुणवत्ता, पारदर्शिता और समुदाय से जुड़ाव की उनकी प्रतिबद्धता ने इन मुश्किलों को पार करने में मदद की.

आज MD Botanicals के उत्पाद भारत के कई राज्यों में बिक रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मांग बढ़ रही है. वही उत्पादों की बढ़ती मांग इस बात का सबूत है कि उपभोक्ता अब प्राकृतिक और नैतिक तरीके से बने विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार हैं.

सामाजिक और पारिस्थितिकीय उत्तरदायित्व

उसकी यात्रा की सबसे प्रेरणादायक बातों में से एक यह है कि अपूर्वा ने व्यापार को समाज सेवा के उद्देश्य से जोड़ने में शानदार संतुलन बनाया है. वह सिर्फ एक व्यवसाय नहीं चला रही हैं, बल्कि ऐसा मॉडल बना रही हैं जो समावेशी विकास, पर्यावरण की ज़िम्मेदारी और सांस्कृतिक सम्मान को बढ़ावा देता है. वह यह सुनिश्चित करती हैं कि मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा समुदाय के विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और खेती की गुणवत्ता को सुधारने में लगाया जाए.

भविष्य की योजना: बस्तर को बनाना एक वैश्विक हर्बल हब

भविष्य को लेकर अपूर्वा के पास बड़े और साहसिक सपने हैं. वह चाहती हैं कि MD Botanicals का नाम पूरी दुनिया में फैले, लेकिन इसके मूल सिद्धांत—सतत विकास, समुदाय का साथ और प्रामाणिकता—हमेशा कायम रहें. उनकी योजना है कि नए उत्पादों की श्रृंखला लाई जाए, निर्यात को बढ़ाया जाए और आदिवासी महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएं ताकि गुणवत्ता से कोई समझौता किए बिना काम का विस्तार किया जा सके. अपूर्वा एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती हैं जहां बस्तर सिर्फ जंगलों और शिल्पकला के लिए नहीं, बल्कि प्राकृतिक सेहत और हर्बल नवाचार के लिए भी दुनिया में पहचाना जाए.

सम्मान और उपलब्धियां: राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

टिकाऊ (सस्टेनेबल) खेती और समुदाय के सशक्तिकरण में अपूर्वा के प्रभावशाली काम को देशभर में सराहना मिली है. उन्हें कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इन सबमें सबसे खास है "मिलियनेयर फार्मर अवार्ड", जो उन्हें 2024 में कृषि जागरण ग्रुप द्वारा दिया गया. यह एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान है, जो जैविक खेती और पारंपरिक कृषि पद्धतियों में उनके नवाचारी योगदान को मान्यता देता है.

इसके अलावा, उन्हें 2022 और 2023 में "एग्री-उद्यमिता एक्सीलेंस अवार्ड" शकुंतला फाउंडेशन से मिला. साथ ही, भारत सरकार ने भी उन्हें 2024 में एक राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

NOTE: अगर आप भी कृषि जागरण की पहल ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो लिंक- https://millionairefarmer.in/gfbn/ पर क्लिक करें.

English Summary: Success Story of Apurva Tripathi Chhattisgarh Bastar tribal women herbal innovation md botanicals GFBN
Published on: 21 May 2025, 12:12 PM IST

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