हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान अरुण कुमार का मानना है कि छोटे किसानों को आय बढ़ाने के लिए आधुनिक खेती पर जोर देना चाहिए. कम लागत में आधुनिक खेती कर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं. परंपरागत खेती के भरोसे रहने पर अब काम नहीं चलेगा. आधुनिक खेती में कम लागत में ऐसी फसल उगाई जा सकती है तो जो किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगी. श्री कुमार ने रविवार को कृषि जागरण फेसबुक लाईव कार्यक्रम में भाग लेते हुए यह बातें कही. पिछले 20 वर्षों से आधुनिक खेती में महारत हासिल करने वाले अरुण कुमार ने नए और छोटे किसानों को कृषि में ही आत्म निर्भर बनने का संदेश दिया.
उन्होंने कहा कि 20-25 हजार रुपए महिने की नौकरी करने से अच्छा खेती करना ही बेहतर है. नौकरी करने वाले की आय सालाना ढाई-तीन लाख रुपए तक सीमित रहती है. लेकिन एक- दो एकड़ जमीन रखने वाले किसान यदि आधुनिक खेती करते हैं तो वे सालाना 5-6 ला रुपए की आमदनी कर सकते हैं. किसानों को अपनी उपज के विपणन का गुर सिखना होगा. एक बार कृषि उपज के मार्केटिंग के गुर सिख लेने के बाद किसानों को फिर पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले अरुण कुमार वैसे किसान परिवार से हीं हैं. लेकिन शुरूआत में उनकी रुचि खेती में नहीं थी. उन्होंने स्नातक के बाद इलेक्ट्रानिक में डिप्लोमा किया था. इसलिए उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर ली. नौकरी में काम का दबाव बढ़ने और आय सीमित रहते देख कुछ दिनों में ही उनका मोहभंग हो गया. उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरा समय खेती में ही लगाने का निर्णय किया. 2001 से अरुण कुमार ने खेती शुरू की.
किसान परिवार से होने के कारण पहले ही उनके पास 30 एकड़ जमीन थी. उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से आधुनिक खेती की जानकारी हासिल की. उसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग के साथ खेती शुरू की. कुछ ही वर्षों में उन्हें उपज बढ़ाने में सफलता मिली.
आज अरुण कुमार खेती से सालाना 70-80 लाख रुपए आय करने वाले सफल किसानों में जाने जाते हैं. 30 एकड़ जमीन में वह आधुनिक पद्धति से खेती करते हैं. शिमला मिर्च, खीरा, स्वीट कॉर्न और ब्रोकली आदि के उत्पादन में उन्हें महारत हासिल है. उनकी उपज आजादपुर मंडी, रिलायंस फ्रेस, मदर डेयरी और मिल्क बास्केट आदि प्रतिष्ठित विपणन संस्थानों में धड़ल्ले से बिक्री होती है. अरुण कुमार आज सालाना 70-80 लाख रुपए आय करने वाले सफल किसान तो हैं ही, साथ ही वह सैकड़ों खेतीहर मजदूरों को रोजगार भी उपलब्ध कराते हैं. उनके साथ यह खेतीहर मजदूर आधुनिक तरीके से सब्जियों के रोपने से लेकर उसे काटने और बाजार तक पहुंचाने का काम करते हैं. अरुण कुमार के खेती करने में आज किसी तरह की रुकावट नहीं है. अन्य छोटे-बड़े किसानों के लिए अरुण कुमार आज प्रेरणा के स्त्रोत हैं.
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