Kachri Farming: कचरी की खेती कैसे करें? जानें पूरी विधि, लागत और मुनाफा Weather Update: 2 जुलाई तक इन 5 राज्यों में भारी बारिश की संभावना, IMD ने जारी की चेतावनी यूपी में डेयरी विकास को मिलेगा बढ़ावा, NDDB को मिली तीन प्लांट की जिम्मेदारी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 December, 2021 5:16 PM IST
Shrikisan (Successful Farmer)

भारत के किसानों (Indian Farmers) ने अपनी खेती से सबको चौंका रखा है. कुछ ऐसी ही ख़बर राजस्थान से भी आ रही है. दरअसल, राजस्थान के कोटा (Kota, Rajasthan) में रहने वाले 55 वर्षीय किसान श्री किशन सुमन (Shri Krishna Suman, Successful Farmer) ने प्रसिद्ध सदाबहार आम (Sadabahar Mango) की बौनी किस्म विकसित की है. यह नई किस्म साल भर रहती है और आम और प्रमुख आम रोगों के लिए प्रतिरोधी है.

किशन सुमन हैं एक सफल किसान (Mr. Kishan Suman- A Successful Farmer)

श्री किशन सुमन माली और बाग प्रबंधन के साथ फूलों की खेती करते हैं. उनका परिवार गेहूं और धान उगाता था. किशन ने अधिक आय के लिए फूल उगाना शुरू किया था. उन्होंने गुलाब की विभिन्न किस्में विकसित की और ऐसा करते हुए उन्होंने आम की खेती में कदम रखा.

श्री किशन सुमन को देश-विदेश (National-International) से सदाभर ग्राफ्टिंग (Grafting) के 8000 से अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं. वर्ष 2018 से 2020 के दौरान, उन्होंने पूरे उत्तर भारत, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र में किसानों को 6000 से अधिक पौधों की आपूर्ति की है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा और दक्षिण भारतीय राज्य जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भी कुछ पौधे भेजे गए हैं. श्री किशन सुमन ने स्वयं राजस्थान और मध्य प्रदेश के केवीके (कृषि विज्ञान केंद्रों) और अनुसंधान संस्थानों में 500 से अधिक पौधों का प्रत्यारोपण किया है.

15 साल तक चला शोध (15 years of research)

साल 2000 में, उन्होंने एक आम के पेड़ का पता लगाया, जिसमें सराहनीय विकास पैटर्न और गहरे हरे पत्ते थे. उन्होंने देखा कि यह पेड़ साल भर खिलता रहता है. 

उन्होंने इस पेड़ से पांच कलमें तैयार कीं और ग्राफ्ट किए गए पौधे फिर ग्राफ्टिंग के दूसरे वर्ष से फल देने लगे. हालांकि, इस बौनी सदाबहार आम की किस्म को विकसित करने में किशन को 15 साल का समय लगा. NIF (National Innovation Foundation – India) ने श्री किशन सुमन को इस वर्ष आम की किस्म के विकास के लिए 9वें राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन एंड ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया है.

यह भी पढ़ें: पूरे साल फल देती है आम की ये नई किस्म, नाम है ‘सदाबहार’

अद्वितीय विशेषताएं (Unique Characteristics)

  • आम की नई किस्म बौनी है, इसलिए यह किचन गार्डनिंग के लिए उपयुक्त है.

  • यह आम की किस्म कुछ वर्षों तक गमलों में उगाई जा सकती है और उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण में अच्छी होती है.

  • गूदे में अन्य किस्मों के गूदे की तुलना में कम रेशेदार होता है.

  • यह आम का फल लंगड़ा किस्म से ज्यादा मीठा होता है.

भविष्य की योजना (Future Planning)

श्री किशन सुमन ने आगे कटहल पर प्रयोग करने की योजना बनाई है. इस फसल में फल लगने में अधिक समय लगता है और श्री किशन इसके उपज समय को कम करना चाहते हैं.

English Summary: Sadabahar Aam: 12 months of the year take fruits in 'Evergreen Mango', know how
Published on: 07 December 2021, 05:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now