RFOI Award 2025: सफल किसान मनोहर सिंह चौहान आज उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सफल आलू उत्पादक किसानों में शामिल हैं. आगरा जिले के एतमादपुर तहसील के हसनपुर गांव में जन्मे मनोहर सिंह चौहान कृषि परंपरा वाले परिवार से संबंधित हैं. मेहनत, समर्पण, आधुनिक तकनीक और बाजार से मजबूत जुड़ाव ने उन्हें कृषि जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है.
वर्तमान में वे 300 एकड़ में उन्नत आलू खेती कर रहे हैं और उनकी वार्षिक आय 30 करोड़ रुपये से अधिक है. यदि उनके साथ जुड़े किसानों के FPO का टर्नओवर जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा 80 करोड़ रुपये से भी अधिक हो जाता है. इन्हीं उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए कृषि जागरण द्वारा आयोजित MFOI Awards 2025 में उन्हें RFOI अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया.
यह सम्मान भारत सरकार के पूर्व सांसद और पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी द्वारा प्रदान किया गया. इस दौरान मंच पर कृषि जागरण के संस्थापक एवं एडिटर-इन-चीफ एम.सी. डोमिनिक और कृषि जागरण की मैनेजिंग डायरेक्टर शाइनी डोमिनिक भी उपस्थित रहीं. ऐसे में आइए मनोहर सिंह चौहान की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
बचपन से खेतों से जुड़ाव
आगरा जिले के हसनपुर गांव में मनोहर सिंह का बचपन खेत-खलिहानों में बीता. उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी खेती होती आ रही थी, इसलिए मिट्टी से उनका रिश्ता बचपन से ही गहरा था. खेतों में काम करते हुए उन्होंने मौसम, मिट्टी, फसल और सिंचाई की बारीकियों को समझा. यही अनुभव उनकी आगे की कृषि यात्रा का आधार बना.
पारंपरिक खेती से शुरुआत करने वाले मनोहर सिंह ने धीरे-धीरे किसानों द्वारा अपनाई जाने वाली गलतियों, बाजार की चुनौतियों और आधुनिक तकनीक के महत्व को भी समझा. इसी समझ के साथ उन्होंने खेती को पेशा नहीं, बल्कि जीवन का लक्ष्य माना.
300 एकड़ में उन्नत आलू खेती
आज मनोहर सिंह चौहान पूरे उत्तर भारत में आलू खेती करने वाले सफल किसानों में से एक हैं. उन्होंने शुरुआत सिर्फ 20 एकड़ से की थी, लेकिन निरंतर सीखने और विस्तार की सोच ने उन्हें 300 एकड़ तक पहुंचा दिया. इनमें 100 एकड़ जमीन उनकी अपनी है, जबकि बाकी 200 एकड़ जमीन लीज पर लेकर खेती की जाती है. उन्होंने मिट्टी की उर्वरता, वैज्ञानिक पोषण प्रबंधन, उन्नत किस्मों और एग्रो-मैनेजमेंट तकनीकों का उपयोग करके प्रति एकड़ उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि की.
सामान्य किसानों के लिए जहां 140-150 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार एक चुनौती मानी जाती है, वहीं मनोहर सिंह 150-175 क्विंटल प्रति एकड़ तक स्थिर उत्पादन लेते हैं. आज तक की उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 225 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार है.
साल 2020 में आलू का ऐतिहासिक भाव
मार्केट समझ और सही समय पर बिक्री ने उन्हें लगातार लाभ दिलाया है. साल 2020 में उन्होंने थोक बाजार में आलू को 45 रुपये प्रति किलो तक बेचा, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. उनकी आलू खेती की गुणवत्ता और आकार के कारण बड़ी कंपनियों से उनकी मांग लगातार बढ़ती है. इस सफलता ने न केवल उनकी आय को बढ़ाया, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी एक नया मानदंड स्थापित किया.
भारत के प्रमुख प्लेटफॉर्म तक पहुंच
मनोहर सिंह का आलू आज केवल स्थानीय मंडियों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के बड़े शहरों और प्रमुख डिजिटल वितरण चैनलों तक पहुंचता है. वे अपने आलू की सप्लाई पूरे भारत में Zomato, Zepto, Swiggy, Reliance Retail और Big Basket तक करते हैं. यह मजबूत सप्लाई चेन उनकी फसल की गुणवत्ता, पैकेजिंग क्षमता और बड़े पैमाने पर उत्पादन की उनकी क्षमता को दर्शाती है. इस सप्लाई नेटवर्क ने उनकी वार्षिक आय को 30 करोड़ रुपये से आगे बढ़ाने के साथ ही उन्हें देश के बड़े किसानों में स्थापित कर दिया है.
800 किसानों का मजबूत परिवार
मनोहर सिंह चौहान व्यक्तिगत सफलता पर नहीं रुके. उन्होंने 2021 में खंदौली कृषक उत्पादक संगठन (FPO) की स्थापना की. शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के साथ हुई थी, लेकिन आज 800 किसान इस संगठन का हिस्सा हैं. यह FPO किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, तकनीकी प्रशिक्षण, उर्वरक और कीटनाशक गाइडेंस तथा मार्केट कनेक्टिविटी प्रदान करता है.
FPO का वार्षिक सामूहिक कारोबार 80 करोड़ रुपये से अधिक है, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और सामूहिक विकास की सोच का प्रमाण है. इससे किसानों की आय में निरंतर वृद्धि और खेती की लागत में महत्वपूर्ण कमी आई है.
उन्नत बीज उत्पादन
मनोहर सिंह स्वयं उच्च गुणवत्ता वाला पोटैटो सीड तैयार करते हैं और क्षेत्र के किसानों को उपलब्ध कराते हैं. उनके द्वारा तैयार किए गए बीज रोग-प्रतिरोधक, उच्च पैदावार वाले और बाजार की मांग के अनुरूप होते हैं.
वे किसानों को बताते हैं कि कौन सा किस्म किस मिट्टी में उपयुक्त रहेगा, कब कौन सा पोषक तत्व देना है और किस समय कौन-सा संरक्षण उपाय अपनाना है. इस मार्गदर्शन ने किसानों को अधिक लाभ दिलाया है और उनकी लागत में भारी कमी आई है.
किसानों को प्रशिक्षण
मनोहर सिंह चौहान का मानना है कि किसान तभी सफल होगा, जब वह खेती को विज्ञान की तरह अपनाए. इसी सोच के साथ वे समय-समय पर किसानों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करते हैं. वे किसानों को बताते हैं कि कब कौन सा रसायन कम मात्रा में उपयोग करना है, पोषक तत्वों का संतुलन कैसे बनाए रखना है और कौन-सी रणनीति अपनाने से अधिक उत्पादन मिलेगा.
उनके मार्गदर्शन से छोटे और मध्यम किसानों की उत्पादकता और आय दोनों में वृद्धि हुई है. उनका संगठन किसानों को बाजार से जोड़ता है, जिससे उन्हें फसल का उचित मूल्य मिलता है.
20 एकड़ से 300 एकड़ तक
उनका सफर बेहद प्रेरणादायक है. उन्होंने 20 एकड़ से खेती शुरू की थी, लेकिन धीरे-धीरे अपनी सोच, मेहनत, धरती से जुड़ेपन और बाजार की समझ के दम पर इसे 300 एकड़ तक पहुंचाया. उनके विस्तार की गति यह दिखाती है कि अगर किसान संगठित होकर विज्ञान और तकनीक के साथ खेती करे, तो वह भी करोड़ों की आय कमा सकता है.
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान
देश के विभिन्न कृषि संस्थानों और संगठनों द्वारा मनोहर सिंह को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. कृषि जागरण द्वारा आयोजित MFOI Awards 2025 में उन्हें मिला RFOI Award उनके उत्कृष्ट कार्य का प्रमाण है. यह सम्मान कृषि जगत में उनकी स्थिति को और मजबूत बनाता है.