राजस्थान के झालावाड़ जिले की रहने वाली सोनिया जैन ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोनिया, आज एक सफल महिला किसान और अग्रणी एग्रीप्रेन्योर हैं, जो सालाना एक करोड़ रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं. उनकी सफलता सिर्फ उनकी खुद की मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि यह पूरे गांव और आसपास के क्षेत्रों के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है.
सोनिया जैन ने खेती को सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक व्यवसाय के रूप में अपनाया है. उन्होंने न केवल आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीकों को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी इससे जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है. हाल ही में सोनिया जैन “ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क” (GFBN) से जुड़ी हैं, जो कि कृषि जागरण की एक राष्ट्रीय पहल है. इसका उद्देश्य भारत में टिकाऊ और सफल कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना है. अब चलिए सोनिया जैन की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं–
शुरुआत की कहानी और शिक्षा
सोनिया जैन का जन्म राजस्थान के झालावाड़ जिले के एक किसान परिवार में हुआ. बचपन से ही उन्होंने देखा कि किस प्रकार किसान कम लाभ, बिचौलियों की लूट और तकनीक की कमी के कारण संघर्ष करते हैं. इन समस्याओं ने उनके मन में बदलाव लाने का संकल्प भर दिया. पढ़ाई में तेज सोनिया ने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई ग्रामीण विकास (Rural Development) में की. इस शिक्षा ने उन्हें टिकाऊ खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों के कल्याण के विषय में गहरी समझ दी. शादी के बाद उन्होंने अपने परिवार की कृषि भूमि को एक नया रूप देने का निश्चय किया और अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए जुट गईं.
टिकाऊ और एकीकृत कृषि प्रणाली
सोनिया जैन ने आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों के साथ टिकाऊ खेती को अपनाया. उन्होंने "इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट" के जरिए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी और "इंटीग्रेटेड पेस्ट और वीड मैनेजमेंट" के जरिए पर्यावरण अनुकूल कीटनाशकों का उपयोग किया. पानी के संरक्षण के लिए उन्होंने ट्यूबवेल, ड्रिप सिंचाई, रेन गन, स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों का उपयोग किया. साथ ही, उन्होंने प्रमाणित बीज, बीज उपचार, समय पर बुआई और गर्मी में जुताई जैसे उपायों से उत्पादन में बढ़ोतरी की. पोस्ट-हार्वेस्ट तकनीकों के माध्यम से उपज की गुणवत्ता और भंडारण की व्यवस्था की. ट्रैक्टर, हल, कल्टीवेटर, स्प्रेयर जैसे आधुनिक उपकरणों के उपयोग से उन्होंने खेती को एक व्यवस्थित व्यवसाय बनाया.
विविध कृषि और फसलें
सोनिया की खेती केवल एक ही फसल तक सीमित नहीं है. उन्होंने अनाज, दालें, तेल बीज, औषधीय पौधे, मसाले, फल, सब्जियां और फूलों की खेती को अपनाया है. उनकी प्रमुख फसलें हैं – गेहूं, बाजरा, ज्वार, जौ, सफेद मक्का, सूरजमुखी और पिग्मबरी गेहूं. दालों में काले चने, हरे चने, काबुली चना, सोयाबीन और मसूर उगाई जाती है. उन्होंने चावल और क्विनोआ की खेती भी शुरू की है.
औषधीय फसलों में एलोवेरा, तुलसी, अश्वगंधा, सफेद मूसली, गोक्शुर, कालमेघ, चिया और अलसी की खेती की जा रही है. मसालों में धनिया, मेथी, सरसों, लहसुन और मिर्च शामिल हैं. इसके अलावा, टमाटर, प्याज, ककड़ी, फूलगोभी, भिंडी, कद्दू और मूली जैसी सब्जियों और संतरा व पपीता जैसे फलों की भी खेती की जाती है. उन्होंने 4000 वर्ग मीटर का पॉलीहाउस और नेट हाउस भी तैयार किया है जिससे वर्ष भर उत्पादन होता है.
डेयरी और प्रोसेसिंग यूनिट
खेती के साथ-साथ सोनिया ने डेयरी उद्योग में भी कदम रखा. उन्होंने "अवनी एग्री एंड डेयरी प्रोडक्ट्स" नाम से स्टार्टअप शुरू किया जो दूध और उससे बने उत्पादों को सीधे बाजार में बेचता है. इससे न केवल किसानों को सही मूल्य मिला, बल्कि बिचौलियों की भूमिका भी खत्म हुई. उन्होंने प्रोसेसिंग यूनिट और वेयरहाउस की स्थापना की, जिससे उपज की गुणवत्ता और ब्रांड वैल्यू बढ़ी. उनके उत्पाद अब "द लेडी फार्मर" ब्रांड के नाम से बाजार में जाने जाते हैं, जो उनकी पहचान बन गया है.
रोजगार और महिला सशक्तिकरण
सोनिया का उद्देश्य सिर्फ खुद का विकास नहीं था, बल्कि पूरे गांव और अन्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना था. उन्होंने किसानों के प्रशिक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और सरकारी योजनाओं से जुड़कर कई कार्यशालाएं आयोजित कीं. उनके मार्गदर्शन से सैकड़ों महिलाओं ने अपने खेतों में उन्नत खेती शुरू की और स्वरोजगार पाया. वह ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार देने के लिए लगातार काम कर रही हैं. उन्होंने पारंपरिक खेती और आधुनिक तकनीक के बीच की खाई को पाटने का काम किया है.
सम्मान और पुरस्कार
सोनिया जैन को उनकी मेहनत और योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
-
ICAR द्वारा पद्म सम्मान – एकीकृत खेती में उत्कृष्टता के लिए.
-
प्रशंसा पत्र – टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए.
-
धरतीपुत्र सम्मान – कृषि टाइम्स और CRI पंप्स द्वारा.
-
जिला स्तरीय पुरस्कार – कृषि ATMA योजना के तहत.
-
ATARI सम्मान – प्रगतिशील महिला किसान के रूप में.
एक प्रेरणा, एक आंदोलन
सोनिया जैन ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी खेती के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं. उन्होंने खेती को सिर्फ मिट्टी में काम करने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे तकनीक, नवाचार और उद्यमशीलता से जोड़ा. उनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि एक ऐसा मॉडल बनाना था जो हर किसान के लिए लाभदायक हो. उनके प्रयासों से गांवों में रोजगार, महिला सशक्तिकरण और टिकाऊ खेती को नई दिशा मिली है.
सोनिया की कहानी आज हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सोचने की हिम्मत रखती है. उन्होंने दिखाया है कि अगर इच्छा शक्ति हो, तो खेती न सिर्फ जीविका का जरिया है, बल्कि यह एक सशक्त और सम्मानजनक व्यवसाय भी बन सकता है.
NOTE: अगर आप भी कृषि जागरण की पहल “ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क” का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो लिंक – https://millionairefarmer.in/gfbn/ पर क्लिक करें या 9891443388 पर कॉल या व्हाट्सएप करें.