फसल के बचे अवशेषों को लेकर कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या नहीं STIHL कंपनी ने हरियाणा में कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' के साथ की साझेदारी कृषि लागत में कितनी बढ़ोतरी हुई है? सरल शब्दों में जानिए खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 1 January, 2024 12:43 PM IST
जीरा और ईसबगोल की खेती

Progressive Farmer: खेती ने देश के कई किसानों की किस्मत बदली है. आज हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो खेती-बाड़ी से हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं. इसी क्रम में आज हम ऐसे ही एक किसान की जानकारी लेकर आए हैं, जो सालाना कम से कम 18 लाख रुपये की कमाई करते हैं. यह राजस्थान के जैसलमेर जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान नारायण सिंह हैं. यह पिछले 6-7 सालों से खेती से जुड़े हुए हैं. नारायण सिंह के पास खुद की 100 बीघा जमीन है, लेकिन यह 500-600 बीघा जमीन लीज पर लेकर खेती करते हैं. यह अपने खेतों में जीरा और ईसबगोल की खेती करते हैं. वहीं, किसान नारायण सिंह ने बताया कि जीरा की खेती यह करीब 500 बीघा में करते हैं. इनके खेत में जीरा की फसल 6 महीने का है. बाकी के शेष महीने में इनके खेतों में बारिश का पानी भर जाता है, जिसके चलते यह अपने खेत में सिर्फ 6 महीने तक ही खेती कर पाते हैं. क्योंकि हमारे क्षेत्र ताल वाले इलाके में आता है.

इसके अलावा नारायण सिंह ने कहा कि मैंने अपनी खेती के लिए फिलहाल बीच का रास्ता यानी जैविक खाद के अलावा रासायनिक खाद भी डालते हैं, क्योंकि इसमें लागत व समय दोनों की बचत होती है.

जीरा और ईसबगोल की उपज से किसान की हो रही लाखों की कमाई

अगर उपज की मंडीकरण की बात करें, तो किसान नारायण सिंह के अनुसार, वह अपनी उपज को मार्केट में सीधे तौर पर बेच देते हैं. लेकिन कभी-कभी ITC वाले भी उपज को खेत पर आकर उचित रेट पर खरीदकर ले जाते हैं. किसान नारायण के मुताबिक, फिलहाल उनके क्षेत्र में जीरा की कीमत 600 रुपये प्रति किलो तक है. वह एक बीघा खेत से करीब 70-80 क्विंटल तक जीरा का उत्पादन प्राप्त करते हैं. वही, ईसबगोल की उपज एक बीघा में 2 क्विंटल तक मिलती है, जिसे 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कंपनियों को बेचे देते हैं. इन दोनों ही फसलों से नारायण सिंह लाखों की कमाई सरलता से हर महीने कर लेते हैं.

अगर लागत और मुनाफे की बात करें, तो किसान नारायण सिंह ने बताया कि जीरा की 100 बीघा फसल की लागत लगभग 3-4 लाख रुपये आती है. आगे उन्होंने बताया कि वह 100 बीघा से सालाना मुनाफा 15-18 लाख रुपये प्राप्त कर लेते हैं.

ये भी पढ़ें: देहरादूनी बासमती ने इस युवा किसान को दिलाई पहचान, आज खेती और प्रोसेसिंग ने सालाना कमा रहे लाखों का मुनाफा, पढ़ें सफलता की पूरी कहानी

खेत में रासायनिक खादों का इस्तेमाल किसान कम करें

कृषि जागरण के माध्यम से किसान नारायण सिंह ने कहा कि किसान अपने खेत में रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम करें. किसान अपनी फसलों में जहर वाली चीजों का इस्तेमाल न करें. ऐसा करने से किसानों को भविष्य में काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

उनके कहने का मतलब था कि किसान अगर अपने खेत में जैविक तरीके से खेती करते हैं, तो वह अपनी लागत व समय दोनों को कम कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और जो खेती 10 साल तक होती है उसे वह 20 सालों तक आराम से कर सकते हैं.

English Summary: Progressive Farmer Narayan Singh is earning a profit of Rs 18 lakh annually by cultivating cumin and isabgol Isabgol cultivation isabgol ki kheti
Published on: 01 January 2024, 12:46 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now