GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 August, 2023 4:04 PM IST
Poultry farming

Success Story: आज के समय में हर कोई अपना खुद का व्यवसाय शुरु करना चाहता है. वर्तमान में समाज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा भी अच्छे पैकेज की नौकरी छोड़ व्यवसाय में लग जा रहे हैं और खुद को साबित भी कर रहे हैं. आज हम आपको महाराष्ट्र के एक युवा मंदार पेडनेकर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने बाद एक अच्छी खासी नौकरी करने के बजाय अपने गांव में पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय शुरु करने का फैसला लिया.

लेयर पोल्ट्री फार्मिंग से हुई शुरुआत

मंदार पेडनेकर की पूरी पढ़ाई मुंबई शहर में ही पूरी हुई है. इस युवक ने बिजनेस करने का फैसला किया और वह कोंकण के सिंधुदुर्ग जिले में अपने गांव चिंचोली आ गया और लेयर पोल्ट्री फार्म शुरू करने का फैसला किया. इस पोल्ट्री फार्म को डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया गया और इसमें पोल्ट्री शेड स्थापित करने का फैसला लिया. इस पोल्ट्री शेड में कुल दस हजार मुर्गियां हैं और रोजाना 9000 से ज्यादा अंडे देती हैं. इस व्यवसाय में आर्थिक गणित पर नजर डालें तो अंडा उत्पादन से उन्हें प्रति माह करीब एक लाख बीस हजार रुपये की कमाई हो जाती है.

निवेश का तरीका

पेडनेकर ने इस लेयर पोल्ट्री प्रोजेक्ट को स्थापित करने में 60 से 65 लाख रुपये खर्च किए और इस काम में उनके पिता जी का भी योगदान रहा. पिता जी के रिटायर होने के बाद उन्हें जो भी रिटायरमेंट से पैसा मिला, उससे इस प्रोजेक्ट को स्थापित किया गया. मंदार कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता की मदद से ही इस व्यवसाय को शुरु करने में सफलता प्राप्त की है.

मुर्गियों का भोजन

पोल्ट्री उद्योग में सबसे खर्चिला काम मुर्गियों का भोजन होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंदार पेडनेकर ने अपने पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के लिए खुद ही चारा तैयार करने का फैसला लिया और भोजन को तैयार करते समय वे इसमें स्टोन ग्रिट, सोयाबीन मील और अन्य औषधीय सामग्रियों को खरीदकर खुद ही खाना तैयार करते हैं. इससे उनके खर्चे पर काफी ज्यादा नियंत्रण आ जाता है.

ये भी पढें:June-July Fruit Farming: जून-जुलाई में इन फलों की करें खेती, होगी अच्छी कमाई

सफलता का श्रेय

पेडनेकर कहते हैं कि इस सफलता में उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसमें उनके छोटे भाई ने भी मिलकर काम किया है. आज वह हर साल इस पोल्ट्री फार्म से करीब 15 से 18 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं.

English Summary: Person quits the job and started his own poultry farming
Published on: 17 August 2023, 04:07 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now