Success Story: आज के समय में हर कोई अपना खुद का व्यवसाय शुरु करना चाहता है. वर्तमान में समाज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा भी अच्छे पैकेज की नौकरी छोड़ व्यवसाय में लग जा रहे हैं और खुद को साबित भी कर रहे हैं. आज हम आपको महाराष्ट्र के एक युवा मंदार पेडनेकर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने बाद एक अच्छी खासी नौकरी करने के बजाय अपने गांव में पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय शुरु करने का फैसला लिया.
लेयर पोल्ट्री फार्मिंग से हुई शुरुआत
मंदार पेडनेकर की पूरी पढ़ाई मुंबई शहर में ही पूरी हुई है. इस युवक ने बिजनेस करने का फैसला किया और वह कोंकण के सिंधुदुर्ग जिले में अपने गांव चिंचोली आ गया और लेयर पोल्ट्री फार्म शुरू करने का फैसला किया. इस पोल्ट्री फार्म को डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया गया और इसमें पोल्ट्री शेड स्थापित करने का फैसला लिया. इस पोल्ट्री शेड में कुल दस हजार मुर्गियां हैं और रोजाना 9000 से ज्यादा अंडे देती हैं. इस व्यवसाय में आर्थिक गणित पर नजर डालें तो अंडा उत्पादन से उन्हें प्रति माह करीब एक लाख बीस हजार रुपये की कमाई हो जाती है.
निवेश का तरीका
पेडनेकर ने इस लेयर पोल्ट्री प्रोजेक्ट को स्थापित करने में 60 से 65 लाख रुपये खर्च किए और इस काम में उनके पिता जी का भी योगदान रहा. पिता जी के रिटायर होने के बाद उन्हें जो भी रिटायरमेंट से पैसा मिला, उससे इस प्रोजेक्ट को स्थापित किया गया. मंदार कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता की मदद से ही इस व्यवसाय को शुरु करने में सफलता प्राप्त की है.
मुर्गियों का भोजन
पोल्ट्री उद्योग में सबसे खर्चिला काम मुर्गियों का भोजन होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंदार पेडनेकर ने अपने पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के लिए खुद ही चारा तैयार करने का फैसला लिया और भोजन को तैयार करते समय वे इसमें स्टोन ग्रिट, सोयाबीन मील और अन्य औषधीय सामग्रियों को खरीदकर खुद ही खाना तैयार करते हैं. इससे उनके खर्चे पर काफी ज्यादा नियंत्रण आ जाता है.
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सफलता का श्रेय
पेडनेकर कहते हैं कि इस सफलता में उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसमें उनके छोटे भाई ने भी मिलकर काम किया है. आज वह हर साल इस पोल्ट्री फार्म से करीब 15 से 18 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं.