इस भीषण गर्मी में अगर आपको भी कोई ऐसा घर मिल जाये, जिसका तापमान हमेशा बाहर के तापमान से 1 दो नहीं बल्कि 7 डिग्री कम हो, वो भी तब जब आप घर में किसी भी तरह के उपकरण जैसे-पंखा,कुलर या एसी का इस्तेमाल नहीं कर रहें हो, तो आप कैसा महसूस करेंगे.
शायद ये आपको किसी सपने से कम ना लग रहा हों, कि भला बिना किसी चीज के घर ठंडा कैसे रह सकता है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि नेचूरल मौसम का मजा ही कुछ अलग है. ऐसे में हम आपको बता दें कि आपको अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कही दूर जाने की जरूरत नहीं है,बल्कि ऐसे घर हमारे देश भारत में भी बन रहे हैं.
ऐसा कर दिखाया जो अब तक किसी ने नहीं किया(did something that no one has done before)
आपके इस सपने को मुमकिन करने वाले शख्स का नाम डॉक्टर शिव दर्शन मलिक है. जी हां, डॉ शिव दर्शन ने एक ऐसा ही घर बनाया है, जो गर्मी के मौसम में ठंडा और ठंडे के मौसम में अपने आप गर्म रहता है.
कैसे बनाये जैविक घर ?(How to make organic house?)
इस जैविक घर को बनाने में डॉक्टर शिव दर्शन मलिक गोबर से बने ईंटें और प्लास्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि बीते कई सालों से डॉ मलिक गोबर से ईंटें और प्लास्टर बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने अपनी गोबर की ईंटों को गौक्रीट ईंट और प्लास्टर को वैदिक प्लास्टर नाम दिया है. गोबर के अलावा इस घर को बनाने में मिट्टी, चूना व स्थानीय वनस्पति का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
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इससे पहले तक शायद आपने जैविक खेती के बारे में सुना होगा, लेकिन इसे सच कर रहे हैं हरियाणा के रोहतक के रहने वाले डॉ शिव दर्शन मलिक. डॉ मलिक जैविक खेती कर घर बनाने का काम कर रहे हैं, इस घर को उन्होंने नाम दिया है जैविक घर, यानी ऐसा घर जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक हो.
वैदिक प्लास्टर से रेडिएशन का खतरा न के बराबर(The danger of radiation from Vedic plaster is negligible)
डॉ शिव दर्शन मलिक कहते हैं कि अगर आपको ऐसा लगता है कि गोबर का ये घर जल या गल जाएगा, तो आपको बिल्कुल गलत लग रहा है, क्योंकि जब आप घर बनाने में वैदिक प्लास्टर और गौक्रीट का इस्तेमाल करते हैं, तो ये ना तो जलता है और ना ही गलता हैं.
इसके साथ ही वो दावा करते है कि जिस घर मे इसका इस्तेमाल होता है उस घर का तापमान 7 डिग्री बाहर के अपेक्षा कम रहता है. वो कहते हैं कि वैदिक प्लास्टर से रेडिएशन का खतरा भी न के बराबर होता है. डॉ मलिक कहते हैं कि वो इस काम को बिजनेस के तौर पर नहीं देखते हैं, बल्कि उनकी ये चाहत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे सीखे और ऐसा घर तैयार करें तो पर्यावरण और आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छा हो.