मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 6 February, 2024 4:56 PM IST
प्रगतिशील किसान अभिनव वशिष्ट

Success Story: मौजूदा वक्त में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्यादातर युवाओं का सपना किसी बड़ी कंपनी में एक अच्छी नौकरी पाना होता है. लेकिन, बहुत कम युवा ही नौकरी के बदले खेती को चुनते हैं. वह भी तब, जब किसी ने MBA जैसी बड़ी डिग्री की हो. जी हां, ये कहने में तो आसान लगता है. लेकिन, कुछ ऐसी ही कहानी है बिहार के शेखपुरा जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान अभिनव वशिष्ट. जिन्होंने अपनी MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती में हाथ आजमाया और आज वह खेती से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

नौकरी के बजाय खेती को चुना

किसान अभिनव वशिष्ट ने बताया कि वह पिछले लगभग 19 साल से खेती कर रहे हैं. उन्होंने M.Com और MBA तक अपनी पढ़ाई की है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी के बजाय खेती करना सही समझा और आज खेती से ही वह सालाना लाखों कमा रहे हैं, जो शायद ही उन्हें नौकरी में मिल पाता. उन्होंने बताया कि उनके पास खेती के लिए 35 ऐकड़ जमीन है. जिसमें 4 ऐकड़ में उनका आम का बगीचा और 2 तालाब है, जो 1-1 बीगा में बने हुए है.

औषधीय पौधों की खेती ने बदली किस्मत

उन्होंने बताया कि वह खेती के साथ-साथ फिश फार्मिंग और डेयरी फार्मिंग भी करते हैं. डेयरी फार्मिंग में उनके पास 25 गाय और 4 भैंस हैं. किसान अभिनव ने बताया कि उनके यहां 2004 के पहले से ही पारंपरिक फसलें उगाई जा रही हैं. जिसमें चावल, गेहूं समते कई दलहनी फसले शामिल हैं. लेकिन अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने औषधीय पौधों की खेती करनी भी शुरू की. जिससे उनका मुनाफा कई गुना तक बढ़ गया. इसके अलावा उनका मुख्य फोकस सुगंधित पौधों की खेती पर रहा है

किसान ने बताया कि वह सुगंधित पौधों में लेमनग्रास, मेंथा, मिंट, सिट्रोनेला और तुलसी की खेती करते हैं. जिले के 5 से 6 लोगों ने मिलकर एक संगठन बनाया और धीरे-धीरे इन पौधो को पूरे राज्य तक पहुंचाया. किसान अभिनव ने बताया कि सुगंधित पौधे की खेती करने के बाद एक यूनिट के माध्यम से प्रोसेसिंग पूरी की जाती है. 2005 में इस यूनिट को खरीदने में लगभग 5 लाख रुपये का खर्च आया था. मशीन को खरीदने में सरकार की तरफ से भी मदद मिली थी.

सालाना 20 से 25 लाख का मुनाफा 

वहीं, सालभर आने वाली लागत और मुनाफे के बारे में बात करते हुए किसान अभिनव वशिष्ट ने बताया कि सुगंधित पौधे की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती. क्योंकि एक बार इनके बीज या पौधा लगाने के बाद 7 से 8 साल तक इन्हें बदलने की जरूरत नहीं पड़ती. इनकी खेती में पूरे साल में लगभग 1 ऐकड़ में 25 से 30 हजार रुपये तक का खर्च आता है. जिससे लगभग 70 से 75 हजार रुपये की इनकम हो जाती है. इसी तरह, 1 बीघा में फिश फार्मिंग में लगभग डेढ लाख रुपये तक की लागत आती है. जबकि, डेयरी फार्मिंग में यह लागत बेहद ही कम बैठती है. उन्होंने बताया कि उनके तबेले से प्रतिदिन 200 लीटर तक दूध निकलता है. जिसे वह बेच देते हैं. उन्होंने बताया कि वह खेती, मछली पालन और डेयरी उद्योग से सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं. इस हिसाब से उनकी सालाना कमाई 30 लाख रुपये से ज्यादा है. 

English Summary: MBA pass farmer Abhinav Vasishtha is earning lakhs of rupees annually from innovative farming
Published on: 06 February 2024, 04:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now