Success Story: मौजूदा वक्त में देश में कई किसान ऐसे हैं जो गजब की खेती कर रहे हैं. गजब इसलिए, क्योंकि खेती के तरीकों में बदलाव करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. लेकिन, कुछ किसान इससे कई गुना आगे बढ़ गए हैं. कहां, हम लाखों की बात करतें और देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो मात्र एक या दो फसलों के जरिए सालाना करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. जी हां, सही सुना आपने. सफल किसान की इस सीरीज में आज हम आपको एक ऐसे ही किसान की कहानी बताएंगे, जो सब्जियों की खेती करके सालाना करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़ की, जो मध्य प्रदेश के हरदा जिले के शिवबा गांव के रहने वाले हैं.
खुद तैयार की सब्जियों की नर्सरी
अगर इनकी शिक्षा की बात करें, तो इन्होंने 10वीं तक पढाई की है. किसान मधुसूदन पिछले 15 साल से सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं. सब्जियों में वह तीखी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर और अदरक की खेती करते हैं. वहीं, किसान मधुसूदन सब्जियों की खेती लगभग 200 एकड़ जमीन पर करते हैं. इन सभी सब्जियों की नर्सरी किसान मधुसूदन धाकड़ खुद ही तैयार करते हैं. इसके लिए वह कम से कम 20 लाख पौधे तैयार करते हैं. इस कार्य के लिए उन्हें कहीं से भी किसी भी तरह की कोई आर्थिक रूप से मदद नहीं मिली है.
सैकड़ों क्विंटल सब्जियों का करते हैं उत्पादन
अगर मंडीकरण की बात करें तो किसान मधुसूदन धाकड़ के अनुसार, वह अपनी सब्जियों की बिक्री देश के अलग-अलग राज्यों की मंडियों में करते हैं. साथ ही कई राज्यों के व्यापारी उनकी सब्जियों को खरीदने के लिए खुद उनके खेत पर आते हैं. वहीं, अगर उपज की बात करें, तो शिमला मिर्च का उत्पादन तीन से चार सौ क्विंटल प्रति एकड़ हो जाता है. जबकि, तीखी मिर्च का उत्पादन 150 से 200 क्विंटल प्रति एकड़ हो जाता है. वहीं, अदरक का उत्पादन 100 से 110 क्विटल प्रति एकड़ हो जाता है.
जबकि, टमाटर का उत्पादन- 1000-1200 कैरेट प्रति एकड़ हो जाता है.
सालाना 4 करोड़ रुपये का मुनाफा
अगर लागत और मुनाफे की बात करें तो किसान मधुसूदन धाकड़ के अनुसार, टमाटर में लागत डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ तक लग जाती है. वहीं, अदरक में लागत दो लाख रुपये प्रति एकड़ बैठती है. इसी तरह, शिमला मिर्च में लागत दो लाख रुपये प्रति एकड़ लग जाती है. जबकि, तीखी मिर्च में लागत एक लाख रुपये प्रति एकड़ तक बैठ जाती है. इस तरह से प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़ ने बताया कि वह सभी फसलों से सालाना तीन से चार करोड़ रुपये तक मुनाफा कमा लेते हैं.
किसानों को अपडेट रहने की जरूरत
कृषि जागरण के माध्यम से किसान मधुसूदन धाकड़ ने किसानों को सलाह दी कि देश के किसानों को अपनी परंपरागत खेती के अलावा, अन्य नई तकनीकों की खेती को भी अपनाना चाहिए. किसानों को खेती में लगातार अपडेट रहना चाहिए और समय के अनुसार खेती को भी बदलते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसान अपनी जिंदगी में बदलाव करते हैं, ठीक उसी तरह से खेती में भी लगातार बदलाव करना चाहिए.