राजस्थान में मेवाड़, मालवा और हाड़ौती की प्रमुख फसल अफीम को यूं ही काला सोना नहीं कहा जाता है. बरसों पहले प्रतापगढ़ के एक मशहूर साहित्यकार परदेसी का दिया यह नाम आज अफीम के खेतों पर लगे कड़े पहरे से समझा जा सकता है. किसानों को बुआई से लेकर तौल तक इसे सोने की तरह ही सहेजना पड़ता है.
हाइटैक जमाने में किसानों ने अफीम के खेतों पर सीसी टीवी कैमरे भी लगा दिए. कुछ जगह अफीम के चारों ओर बे-मौसम मक्का की फसल भी खड़ी है. यह पहली बार है, जब काला सोना की पहरेदारी में ऐसे प्रयोग किए गए हैं.
चित्तौड़गढ़ और उदयपुर जिले के कुछ गांवों में पट्टाधारी किसानों ने अफीम खेतों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं. अब तो परिवार के साथ किसान खेतों में ही शिफ्ट हो गए हैं, रातभर पहरा भी दे रहे हैं.
भूपालसागर क्षेत्र के आकोला, चौकड़ी और उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र के इंटाली खेड़ा आदि गांवों में कुछ किसान सीसीटीवी कैमरे लगा चुके हैं. अफीम फसल यौवन पर है. अब नारकोटिक्स विभाग की टीमें भी गश्त करने लगी हैं, जो 24 दिसंबर से नपती करते हुए रजिस्टर में दर्ज कर रही है. जिले के तीनों खंडों में 11 टीमें लगाई गई हैं.
कितना आया खर्च
चौकड़ी के गणेशराम मेनारिया और ईंटाली के रामचंद्र पुत्र शंकरलाल शंकरलाल जणवा ने खेत पर चार कैमरे लगाए हैं. उदयपुर जिले के मेनार, वाना आदि गांवों में भी कुछ किसान खेतों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा चुके हैं. बताया गया कि एक खेत चार कैमरे व लाइन लगवाने पर 22 से 25 हजार रुपए का खर्च आया.
जानिए, किसानों का खेत पर सीसी टीवी का पूरा सिस्टम
कैमरों को मोबाइल से जोड़ा, कहीं से देख लेते हैं खेत को किसान रामचंद्र के अनुसार, कैमरों को मोबाइल से जोडा है ताकि घर हो या बाहर. कहीं भी खेत पर नजर रख सकते हैं. कैमरे 24 घंटे चालू रहते हैं. इससे किसी की बदमाशी या डोडे चोरी होने की चिंता नहीं रहती है.
बिजली के लिए इनवर्टर लगाए, अलार्म से जोड़ने का विचार
किसानों ने अफीम की फसलों की रखवाली के लिए लगाए कैमरों का सिस्टम कंप्यूटराइज्ड किया है. बिजली सप्लाई के लिए इनवर्टर लगाए हैं. अलार्म से जोड़ने का विचार भी किया जा रहा है.
छेड़छाड़ की तो भी रिकॉर्ड हो जाएगा
अफीम के खेत में फसल से यदि किसी ने छेड़छाड़ की तो यहां दस फीट उंचाई पर लगे कैमरे में फुटेज कैद हो जाएंगे। कैमरे एक दूसरे से कनेक्ट हैं. यदि किसी ने कैमरे से छेड़छाड़ की भी तो दूसरे कैमरे में रिकार्ड हो जाता है.
अफीम की फसल पर पहरा दे रही मक्का की फसल
भदेसर क्षेत्र के खोड़ीप, उंठेल आदि कुछ गांवों में किसानों ने अफीम खेत के चारो ओर मेडबंदी की तरह मक्का की बुआई कर दी. उंठेल के किसान टेकचंद के अनुसार सर्दी में सीधे अफीम पर भी पाले का असर नहीं आता है.
फैक्ट फाइल
जिले में इस बार 1200 हेक्टेयर में अफीम की खेती की जा रही है.
10-10 आरी के पट्टे
12103 किसानों को मिले है खेती के पट्टे