Success Story: आज हम आपको ऐसे सफल किसान के बारे में बताएंगे, जिन्होंने खेती-किसानी से एक सफल उद्योगपति बनने का सफर तय किया है. दरअसल, जिस किसान की हम बात कर रहे हैं, वह प्रगतिशील किसान कंवल सिंह चौहान है, जो कि गांव अटेरना जिला सोनीपत, हरियाणा के रहने वाले हैं. यह बेबी कॉर्न और मशरूम की खेती कर किसान से उद्योगपति बने. हालांकि इन्हें अदालत के अपेक्षा खेतों में काम करना अधिक पसंद हैं. पदमश्री से सम्मानित कंवल सिंह चौहान को व्यापक रूप से मशरूम और बेबी कॉर्न की खेती के लिए जाना जाता है. वहीं सफल किसान किसान कंवल सिंह चौहान से बेबी कॉर्न की खेती/ Baby Corn Cultivation की तकनीक सीखकर हजारों किसान शानदार मुनाफा कमा रहे हैं.
कंवल सिंह चौहान सन् 1998 से बेबी कॉर्न की खेती करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज के समय में हमारे यहां 10 हजार से भी अधिक किसान बेबी कॉर्न की खेती करते हैं और उपजी उपज को विदेशी बाजार में पहुंचा रहे हैं.
पांच सितारा होटलों में बेबी कॉर्न बेचना किया शुरू
उन्होंने बताया कि मेरे पास करीब 20 एकड़ खेत है, लेकिन हमारे गांव और आस-पास के 10 गावों में अब 2 हजार एकड़ में बेबी कॉर्न की खेती की जा रही है. आगे उन्होंने बताया कि अभी वह अपने खेत में बेबी कॉर्न की 5414 किस्म की खेती करते हैं. कंवल सिंह चौहान ने बताया कि जब उन्हें अपने खेतों से बेबी कॉर्न की पहली फसल मिली तो उन्होंने दिल्ली के प्रमुख बाजारों से पांच सितारा होटलों में बेबी कॉर्न बेचना शुरू किया और उनकी बिक्री भी काफी ज्यादा हुई. एक समय ऐसा भी आया जब लोगों के बीच बेबी कॉर्न का चलन कम हुआ. ऐसे समय में उन्होंने अपनी खुद की फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई और स्वीट कॉर्न के साथ-साथ मशरूम, टमाटर और मक्के से भी तरह-तरह के खाद्य उत्पाद बनाने लगे.
किसान कंवल सिंह ने सैकड़ों लोगों को दिया रोजगार
किसान से उद्योगपति बने सफल किसान कंवल सिंह अपनी खेती और प्रसंस्करण व्यवसाय के माध्यम से सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. जब कंवल सिंह चौहान ने बेबी कॉर्न की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाना शुरू किया, तो उनकी सफलता को देखकर आस-पास के गांवों के किसानों ने भी उनके साथ जुड़ने का फैसला किया. फिलहाल उनके यहां 400 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं.
मौजूदा वक्त में कंवल सिंह चौहान की प्रोसेसिंग यूनिट से बने बेबी कॉर्न उत्पाद देश-विदेश में निर्यात किए जा रहे हैं. उनकी प्रसंस्करण इकाई में बने उत्पाद जैसे- टमाटर और स्ट्रॉबेरी प्यूरी, बेबी कॉर्न, बटन मशरूम, स्वीट कॉर्न और मशरूम के टुकड़े इंग्लैंड और अमेरिका में निर्यात किए जा रहे हैं. अगर लागत और मुनाफे की बात करें, तो किसान कंवल सिंह चौहान ने बताया कि उनकी एक एकड़ खेत में लगभग 20 हजार रुपये तक लागत आती है. वहीं, मुनाफा इसमें करीब 50 हजार रुपये तक हो जाता है.
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खेती में रासायनिक खाद का कम करें इस्तेमाल
सफल किसान/ Safal Kisan कंवल सिंह चौहान ने कृषि जागरण के माध्यम से कहा कि किसान खेती में रासायनिक खाद का इस्तेमाल कम से कम करें. फसल में जितना हो सके उतना कीटनाशकों का छिड़काव करें.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि देश के बैंकों को भी किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. सरकार की तरफ से जो योजनाएं चलाई जाती हैं, उसका लाभ किसानों तक सही तरीके से पहुंचे इस बात को भी बैंकों को ध्यान रखना चाहिए.