Success Story: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की घुमारवी तहसील से संबंध रखने वाले हरिमन शर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. हरिमन शर्मा वह प्रगतिशील किसान हैं जिन्होंने 2005 में अपनी खोज से सभी को हैरान कर दिया था. देश में सेब की फसल को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के इस कृषि वैज्ञानिक ने सेब की एक ऐसी किस्म तैयार की जो निचले इलाकों में भी उगाई जा सकती है. वर्ष 2005 तक किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि बर्फीली पहाड़ियों पर तैयार होने वाला फल सेब निचले हिमाचल प्रदेश जो कि समुद्र तल से मात्र 700 मीटर ऊंचाई व 40 डिग्री 46 डिग्री में तपती धरती पर भी सफलता पूर्वक आम व अनार के साथ उगाया जा सकता है. लेकिन, हरिमन शर्मा ने सेब की किस्म विकसित कर इसे संभव कर दिया.
उनके द्वारा विकसित की गई सेब की इस किस्म को उन्होंने HRMN 99 यानी अपने नाम से पेटेंट करवा रखा है. सेब की खासियत यह है कि यह मात्रा में कोहरा में पनपता यानी होता है. जिसके चलते यह सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में होता था. इसी को देखते हुए उन्हें सेब की नई किस्म तैयार करने का आइडिया आया. इसके लिए उन्होंने पहले एक बीज से सेब का पौधा उगाया और ग्राफ्टिंग के जरिए सेब की नई किस्म तैयार की, जो आकार, गुणवत्ता, स्वाद में पूर्णतया परम्परागत क्षेत्र के सेब की ही तरह थी. हालांकि, सेब की यह किस्म 40 से 46 डिग्री तक गर्म तापमान वाले इलाकों में भी आसानी से फल दे सकता था.
हरिमन शर्मा की इस सफलता के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान शिमला ने इस पर शोध भी किया और इसे सेब की एक सफल किस्म बताया. इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों से HRMN 99 सेब की डिमांड आने लगी और आज हरिमन शर्मा 29 राज्यों में 7 लाख से अधिक सेब के पौधे भेज चुके हैं, जहां सेब की अच्छी पैदावार भी हो रही है. वहीं हरिमन शर्मा ने बागवानी के इस क्षेत्र का विकास कर सेब के साथ-साथ चीकू और कॉफी की पैदावार भी शुरू की है। इसके साथ ही कई लोगों को बागवानी के क्षेत्र से जोड़कर उन्हें अच्छी आमदनी उपलब्ध करवाने का भी काम कर रहे हैं. हरिमन शर्मा का कहना है कि बागवानी के क्षेत्र में वह सालाना लाखों रुपये कमा रहे है. इस तरह आज की युवा पीढ़ी भी बागवानी को अपना कर एक अच्छी आमदनी कर सकती है.
हरिमन शर्मा की इस सफलता के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान शिमला ने इस पर शोध भी किया और इसे सेब की एक सफल किस्म बताया. इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों से HRMN 99 सेब की डिमांड आने लगी और आज हरिमन शर्मा 29 राज्यों में 7 लाख से अधिक सेब के पौधे भेज चुके हैं, जहां सेब की अच्छी पैदावार भी हो रही है. वहीं हरिमन शर्मा ने बागवानी के इस क्षेत्र का विकास कर सेब के साथ-साथ चीकू और कॉफी की पैदावार भी शुरू की है। इसके साथ ही कई लोगों को बागवानी के क्षेत्र से जोड़कर उन्हें अच्छी आमदनी उपलब्ध करवाने का भी काम कर रहे हैं. हरिमन शर्मा का कहना है कि बागवानी के क्षेत्र में वह सालाना लाखों रुपये कमा रहे है. इस तरह आज की युवा पीढ़ी भी बागवानी को अपना कर एक अच्छी आमदनी कर सकती है.
देश-विदेश में धूम मचा रही ये किस्म
हरिमन शर्मा द्वारा तैयार की गई सेब की किस्म HRMN 99 आज देश के हर कोने से सेब की फसल दे रही है. इन इलाकों में बेंगलुरु, चिकमगलूर, बैलग्राम (कर्नाटक), सिरसा, करनाल, हिसार, गुरूगाम (हरियाणा), होशियारपुर (पंजाब), राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली, पीलीभीत, (उत्तर प्रदेश), हलद्वानी व कोटबाग (उत्तराखण्ड), सिहोर, नरसिंहपुर, बालाघाट (मध्य प्रदेश), इंफाल (मणिपुर) अम्बिकापुर (छतीसगढ़), सीकर (राजस्थान), नासिक, सोलापुर अमरावती (महाराष्ट्र), सिलवासा (दादरा नगर हवेली), रांची (झारखण्ड), नवादा (बिहार) गुजरात, पश्चिमी बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, सिकिम, असम, केरल, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उड़ीसा, जम्मू के 9 जिले शामिल हैं. इसके अलावा, उनकी ये किस्म विदेशों में भी धूम मचा रही है. जर्मनी, नेपाल, बंगलादेश, दक्षिणी अफ्रीका जैसे देशों में सेब की ये किस्म बेहतरीन फल दे रही है.
HRMN 99 की विषेशताएं
HRMN 99 की विषेशता की बात करें, तो परम्परागत क्षेत्र का सेब जुलाई से सितम्बर तक तैयार होता है. मगर गर्म इलाके में उगाए जाने वाले सेब की यह किस्म जून में ही तैयार हो जाती है. उस समय बाजार में कहीं भी सेब का फल नहीं मिलता है और जिस कारण यह बहुत अच्छे दामों पर बिकता है. सेब की इस किस्म का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि निम्न पहाड़ी क्षेत्रों के अत्यन्त गर्म क्षेत्रों व भारत के सभी राज्यों में जहां अब तक सेब का पौधा नहीं होता था, वहां के किसानों को विविधता का बहुत अच्छा विकल्प मिला है. यह वर्ष भर हरा होने के कारण पर्यावरण के लिए उपयुक्त है. सेब की इस किस्म का पौधा 15-15 फुट की दूरी पर लगाया जाता है। इसके अलावा पौधों के बीच सब्जियां, चारा फसलें, गेहूं, मक्का, दालों वाली फसलें लगा कर भी किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
मिल चुके हैं कई पुरस्कार
हरिमन शर्मा की इस उपलब्धि को देखते हुए हिमाचल सरकार व भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया है. इसके साथ ही उन्होंने आगे भी बागवानी के क्षेत्र से जुड़े रहते हुए युवाओं को प्रेरित करने व बागवानों के लिए प्रेरणा के रूप में काम करते हुए उन्हें प्रशिक्षित करने की बात कही है ताकि कृषि व बागवानी के क्षेत्र में ना केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि देश भी आगे बढ़ता रहे. हरिमन शर्मा को जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ बागवान पुरस्कार (2006), राज्य स्तरीय उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार (2008), राज्य स्तरीय प्रेरणा स्त्रोत सम्मान पुरस्कार (2009), सर्वश्रेष्ट हिमाचली किसान खिताब सहित कई जिला और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 2017 में हरिमन शर्मा को आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था.