PM Kisan Update: 4 राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त, जानें बाकी किसानों को कब तक मिलेगा लाभ? Weather Update: यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में होगी बारिश, जानिए अपने यहां का पूरा मौसम अपडेट Sankalp Retail: देशभर में कृषि-इनपुट खुदरा व्यापार को बदलना और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 18 January, 2019 5:07 PM IST

आज यदि भारत की सबसे बड़ी समस्या की बात की जाए तो वह है रोज़गार. रोज़गार की कमी की वजह से देश का युवा एक शहर से दूसरे शहर भटक रहा है, लेकिन उसे संतोषजनक काम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में एक खबर उत्तराखंड के चंपावत जिले से आई है. यहां राजीव कुमार नाम के एक व्यक्ति ने सिर्फ एक फूल की खेती कर तीन महीने में तीन लाख कमा लिए हैं. राजीव युवाओं के लिए आज एक मिसाल बन गए हैं. कौन सा है फूल इस फूल का नाम 'लिलियम है'. यह फूल हॉलैंड में पाया जाता है. राजीव कुमार इसका बीज लेने हॉलैंड तक गए और चंपावत में इसकी खेती करने लगे. 'लिलियम' फूल का बीज जितना मंहगा है, इसका फूल उससे अधिक मंहगा. 'लिलियम' के फूल देश और विदेश में बहुत अधिक मात्रा में बिकते है. राजीव ने पॉली हाउस लगाकर इस फूल की एक फसल को बेच दिया है, जिससे उन्हें लाखों का मुनाफा हुआ. राजीव को देखकर आस-पास के युवा और किसान प्रेरित हुए और उन्होनें भी फूल की खेती करना आरंभ कर दिया है.

तीन महीने में हुआ तीन लाख का मुनाफा

लिलियम की खेती के बारे में बताते हुए राजीव ने कहा कि हॉलैंड से एसियेटिक का एक बीज 12 रुपए जबकि ओरिएंटल का बीज 22 रुपए का मिला. पॉलीहाउस में तकरीबन 40 हज़ार बीज लगाए गए. एसियेटिक की स्टीक दो महीने और ओरिएंटल की स्टिक तीन महीने में तैयार हो गई. इसे तैयार करने में 10 से 12 लाख खर्चा आया और इस तरह इसे बेचने पर तीन महीने में तीन लाख की आमदनी हो गई.

दिल्ली में भी बिकी स्टिक

राजीव कुमार के अनुसार उनकी स्टिक्स दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी मे धड़ल्ले से बिक गई. लिलियम की स्टिक का बाजार में बहुत उम्दा भाव मिला. यह काफी मंहगी बिकी. ऐसियेटिक की एक स्टिक 20 से 25 रुपए बिकी जबकि ओरिएंटल की एक स्टिक 50 से 60 रुपए में बिक गई. पहली कटिंग करने के बाद इसे थोक में बेचा गया. यहां से यह स्टिक विदेशों में सप्लाई की जा रही है. इसके अलावा जयपुर, हरियाणा और मुंबई समेत यह पुष्प भारी मात्रा में बेचा जाता है.

कुछ अलग करें किसान

राजीव कुमार का कहना है कि उन्होंने पारंपरिक खेती के बजाय कॉमर्शियल खेती करने की सोची और उन्हें उसका परिणाम भी मिला. राजीव का मानना है कि किसान वर्तमान में पारंपरिक खेती के बजाय यदि कॉमर्शियल खेती करे तो उन्हें मुनाफा होगा ही. इसके लिए किसान को न तो किसी सहकारी संस्था की मदद चाहिए और न सरकारों की. वह स्वंय अपना मालिक होगा.

English Summary: how to start lilium flower farming
Published on: 18 January 2019, 05:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now