Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 September, 2021 4:08 PM IST
Grape Wine

परिश्रम और तकनीक के बल बुते पर किसान कहीं पर भी अच्छी पैदावार से अधिक मुनाफा कमा कर अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं. ऐसे ही एक किसान मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के मोतीलाल पाटीदार हैं. जिन्होंने अपने सहपाठियों के साथ मिल कर अंगूर से शराब बनाने का  एक यूनिट तैयार कर एक मिसाल हासिल की.

बता दें कि मोतीलाल पाटीदार की सोच ने आज कई परिवारों को रोजगार ही नहीं दिया है, बल्कि किसानों ने मिलकर बड़े बड़े उद्योगपतियों को टक्कर देना शुरू कर दिया है. जानिए, कैसे अंगूर उगाने वालों ने वाइन बनाने का काम शुरू किया. आइये जानते हैं उनकी सफलता की कहानी.

कैसे आया विचार वाइन फैक्ट्री लगाने का (How Did The Idea Of Setting Up A Wine Factory Come About?)

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के मोती लाल पाटीदार अपने पिता के साथ अंगूर की खेती किया करते थे. लेकिन उन्हें अंगूर की खेती में कुछ ख़ास सफलता नही मिली. इस बीच उन्हें जानकारी मिली महाराष्ट्र सरकार ने ग्रेप्स पॉलिसी बनाई है. उसके बाद वो महाराष्ट्र के नासिक और उसके आस पास के इलाकों में वाइन ग्रेप्स की खेती और वाइनरीज को देखने पहुंचे. जहाँ से उन्होंने इस अंगूर वाइन की यूनिट लगाने की पहल की.

इस दौरान वे इस पॉलिसी को लेकर वो मध्यप्रदेश सरकार के पास गए, जहाँ उनकी इसकी मंजूरी मिली. उसके बाद उन्होंने 18 किसानों के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया और पटेल वाइन एंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री तैयार की. किसानों ने वाइन ग्रेप्स की फसल लगाई और यहां से फैक्ट्री डालने को लेकर प्रयास शुरू किए.

वाइन फैक्ट्री लगाने से मिल रहा मिल रहा है अच्छा दाम (Getting A Good Price By Setting Up A Wine Factory)

मोती लाल पाटीदार का कहना है की शुरुआत में हमे कुछ सैलून ताज ज्यादा मुनाफा नही हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे इससे वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वर्तमान में इस फैक्ट्री में 400 – 500 लोग अपनी आजीविका इस बिजनेस से चला रहे हैं. किसानों को उनकी मेहनत का अच्छा और दोगुना दाम मिल रहा है, जिनका सालाना टर्नओवर 10 करोड़ से ऊपर हो चुका है. कंपनी 17 अलग-अलग ब्रांड बनाती है. जिनकी कीमत 250 रुपए बॉटल से 1200 रुपए प्रति बॉटल तक है.

ऐसे ही सफल किसान की कहानी पढ़ने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से.

English Summary: farmer motilal patidar is earning profit of lakhs from Grapes Wine Factory
Published on: 08 September 2021, 04:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now