Sugar Cane Field: गन्ने की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है. हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो गन्ने की खेती से हर साल लाखों की कमाई करोड़पति किसान की श्रेणी में शामिल है. आज हम आपको ऐसे ही एक किसान की जानकारी लेकर आए हैं, जो रोग मुक्त गन्ने के प्लांट्स को तैयार कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. जिस किसान कि हम बात कर रहे हैं, वह डॉ. सरबजीत सिंह गोराया है, जो पेशे से एक साइंटिस्ट होने के साथ-साथ एक प्रगतिशील किसान हैं. इन्होंने गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी से बीएससी, एमएससी और पीएचडी किया है. वहीं, डॉ. सरबजीत सिंह गोराया के पास 10 एकड़ जमीन है जिसमें वह खेती करते हैं. इसी में ही उनके एक लैब भी है, जिसमें वह बायो टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करते हैं. बायो-टेक्नोलॉजी या जैव प्रौद्योगिकी, जीवों या जीवों से प्राप्त होने वाले पदार्थों का उपयोग करके उत्पादों का निर्माण या उनमें सुधार करने का अध्ययन है. इसे बायोटेक भी कहा जाता है.
इस बायो टेक्नोलॉजी लैब को स्थापित करने में लगभग 1 करोड़ रुपये की लागत आई है. डॉ. गोराया ने बताया कि, वह गन्ने की अलग-अलग किस्मों की खेती करते हैं, जिसमें 0238, 14201 और 13235 किस्में शामिल हैं. वहीं, गन्ने की इन किस्मों की अधिकतर खेती मुजफ्फरनगर, लखनऊ और मेरठ समेत कई क्षेत्रों के किसान करते हैं.
लैब में गन्ने के रोग मुक्त प्लांट्स किए तैयार
डॉ. सरबजीत सिंह गोराया ने बताया कि वह गन्ने के टुकड़े को शोधित करके अपने लैब में प्लांट तैयार करते हैं जोकि रोगमुक्त होते हैं. वहीं, इन प्लांट्स को किसानों को 15 रुपये में बेचते हैं, जिसे किसान जब अपने खेत में लगाते हैं, तो उस एक प्लांट से 4 से 5 गन्ने की उपज मिलती है. उन्होंने बताया कि, गन्ने का प्लांट यदि अच्छी तरह से विकसित हो, तो 15 फीट तक की लंबाई तक पहुंच जाता है और एक गन्ने का वजन लगभग 3 से 4 किलोग्राम के बीच होता है. इस तरह से किसान एक प्लांट से कई प्लांट्स तैयार कर लेते हैं. फिर अपने खेतों में व्यापक स्तर पर बुवाई करते हैं जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा उपज मिलती है.
उन्होंने आगे कहा कि, यदि कोई किसान गन्ने की ज्यादा रकबे में खेती करना चाहता है, तो हमसे उसके कम से कम सीड्स लें और उसे खेत में लगाए. इसके बाद जब फसल तैयार हो जाए, तो फिर उसे खेतों में बोये और एक वक्त ऐसा आएगा की वह अन्य किसानों को बीज के लिए गन्ने को बेच सकता है.
हाईटेक नर्सरी और फसलों से सालाना 10 लाख रुपये तक मुनाफा
वहीं, अगर लागत और मुनाफे की बात करें, तो डॉ. सरबजीत सिंह गोराया के अनुसार, हाईटेक नर्सरी और फसलों में सालाना आमदनी का 70 प्रतिशत लागत है और मुनाफा 30 प्रतिशत तक रहता है. वही लैब की 5 लाख पौधे बनाने की क्षमता है, लेकिन अभी तक 3 लाख पौधे तक का ही प्रोडक्शन किया है. वह एक गन्ना 15 रुपये में बेचते हैं, तो इससे लगभग 45 लाख रुपये तक की इनकम हो जाती है और इसमें लगभग 10 लाख रुपये तक मुनाफा हो जाता है.
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डॉ. सरबजीत सिंह गोराया ने अपने अनुभव के अधार पर कृषि जागरण के पाठकों के लिए संदेश देते हुए कहा कि, किसानों को खेती के लिए उन्नत किस्म का बीज इस्तेमाल में लेना चाहिए जिससे उपज अच्छी हो. उन्होंने कहा, खेती में यदि वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया जाए, तो फसल और भी बेहतर हो सकती है.