कृषि क्षेत्र में अब आम लोगों की दिलचस्पी और अधिक बढ़ती ही जा रही है. कई लोग अपनी नौकरी छोड़कर कृषि में लीन हो रहे हैं. ऐसे ही आज हम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के दीपिका की सफल कहानी साझा करने जा रहे हैं, जिन्होंने इंटिरियर की नौकरी छोड़ कृषि को अपनाया और अब सालाना कृषि उत्पादों से 40 लाख रुपए तक की कमाई कर रही हैं.
दिल्ली में नौकरी छोड़ कृषि को अपनाया
दीपिका चुफाल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली से इंटिरियर की पढ़ाई की इसके बाद कुछ सालों तक नौकरी भी की, मगर पहाड़ों से जुड़ी होने के कारण उनके दिल में हमेशा से अपने पहाड़ों के लिए कुछ कर दिखाने की चेष्ठा रही. कृषि जागरण से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका मन नौकरी में नहीं लगा, जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ के अपने पहाड़ों में कृषक मैत्री नामक मसालों का व्यापार शुरू किया.
दीपिका के मसाले हैं बेहद खास
दीपिका के मसालों को हम खास इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यह पूर्ण रूप से जैविक हैं. वह बताती हैं कि पहाड़ों में उत्पादन भले ही कम होता है, मगर जितना होता है वह पूर्ण रुप से जैविक होता है. उन्होंने पहले खुद घर पर अपने जैविक रूप से उगे मिर्च व हल्दी मिर्च से मसाले तैयार किए. जिसके बाद उन्होंने स्थानिय गांव वालों से मसालों की खरीदी की और एक छोटा सा प्लांट लगाकर मसाले बनाने का व्यवसाय शुरू किया.
बता दें कि उनके पिता पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र से विधायक हैं. दीपिका चाहती तो वह भी अपने पिता की शक्ति (पावर) का इस्तेमाल कर कुछ आसान और अन्य काम कर सकती थीं, मगर उन्होंने कृषि क्षेत्र को चुना.
5 लाख की लागत से शुरू किया स्टार्टअप
दीपिका बताती हैं कि उन्होंने कृषि उद्योग विभाग से 5 लाख रुपए का लोन लिया, फिर एक छोटा सा बिजनेस प्लांट लगाया. जिसमें उन्होंने अपने गांव वालों को रोजगार उपलब्ध करवाया. दीपिका बताती हैं कि अभी उनके प्लांट में हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा, गरम मसाला, सब्जी मसाला, मीट मसाला, चिकन मसाला, छोले मसाला, पनीर मसाला, अचार मसाला, कुटी मिर्च आदि तैयार हो रहे हैं.
दीपिका चुफाल की इस पहल से जिले के कई किसानों को इसका सीधा लाभ पहुंच रहा है. उनके द्वारा एक प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से वह गांव-गांव जाकर किसानों को प्रशिक्षित करने का काम कर रही हैं. साथ ही किसानों को सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद कर रही हैं. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट के माध्यम से वह किसानों को सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने में कोई अड़चन न आए इसके लिए वह ग्रामीणों के कागजात पूरे करने में सहायता प्रदान कर रही हैं.
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