Dudharu Pashu Bima Yojana: दुधारू पशुओं का होगा बीमा, पशुपालकों को मिलेगी 75% सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया! PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया खुशखबरी: अब मधुमक्खी पालकों को मिलेगी डिजिटल सुविधा, लॉन्च हुआ ‘मधुक्रांति पोर्टल’, जानें इसके फायदे और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 4 April, 2023 10:00 PM IST
सफलता की कहानी

खेती अब सिर्फ़ परम्परागत रूप से इसको करने वाले किसानों तक ही सीमित नहीं रही. आए दिन हो रहे नवाचार ने इस क्षेत्र में नए आयाम क़ायम करने के साथ ही इसे फ़ायदेमंद बिज़नेस की कैटेगरी में ला खड़ा किया है. यही वजह है कि अब युवा और नौकरीपेशा लोग भी इसमें हाथ आज़माने लगे हैं.

आज हम आपको एक ऐसे शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सपना था कि वो मजिस्ट्रेट बनके प्रशासनिक सेवा में आए, लेकिन अफ़्सोस कि उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. आज वो खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कोटा के बीएसएसी व एलएलबी कर चुके विपिन मीणा की. मजिस्ट्रेट बनने का सपना टूटा तो उन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल खेती में कर के सफलता के झंडे गाड़े. आज विपिन युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं. वो कहते हैं कि आरजेएस की तैयारी कर रहे थे. एक वक़्त बाद उन्होंने खेती का रुख़ किया. इसके लिए उन्होंने केवीके कोटा से पॉलीहाउस और मुनाफ़े वाली खेती के बारे में जानकारी हासिल की. फिर क्या था. उन्होंने तय किया कि वो पॉलीहाउस लगाएंगे. ये साल था 2017. उन्होंने खीरा-ककड़ी लगाकर इसकी शुरुआत की, इससे उन्हें उत्पादन तो अच्छा मिला ही साथ ही कमाई भी बढ़िया हुई.

फ़ायदा देख अगले साल ही उन्होंने दूसरा पॉलीहाउस लगाया. वो कहते हैं कि खीरा-ककड़ी की एक फ़सल से 25 से 30 टन की पैदावार आसानी से हो जाती है जिसे बाज़ार में बेचने पर 5 लाख तक मुनाफ़ा मिल जाता है. वो कहते हैं अगर आप खेती पर नौकरी की तरह 10 घंटे का वक़्त देंगे तो इससे अच्छी आमदनी हो सकती है. विपिन खेती के काम में उनकी मदद करने वाले क़रीब 10 लोगों को रोज़गार भी मुहैया करा रहे हैं.

जैविक खाद भी बनाते हैं

विपिन अपने खेत में केंचुए से वर्मीकम्पोस्ट भी बनाते हैं. इसका इस्तेमाल वो अपने खेत में करते हैं जिससे फ़सल अच्छी होती है. बचे हुए खाद को बेचकर भी विपिन इनकम करते हैं.

ये भी पढ़ेंः परंपरागत खेती छोड़ शुरू की बेर की खेती, आज होती है लाखों की कमाई

पॉलीहाउस पर सब्सिडी

अगर आप भी पॉलीहाउस फ़ार्मिंग करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से आपको सब्सिडी भी मिल सकती है. पॉलीहाउस के आकार व एरिया के हिसाब से 40 फ़ीसदी तक का सरकारी अनुदान मिलता है.

English Summary: could not become a magistrate, he became a 'farmer', now earning lakhs of rupees
Published on: 04 April 2023, 04:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now