आप सब लोगों ने सफल किसानों की कहानी के बारे में तो सुना ही होगा. लेकिन क्या आपने यह सुना है कि 12 साल के बच्चे ने खेती से प्यार किया और अपनी मेहनत के बल पर उसने अपना नाम एक सफल किसान की श्रेणी में शामिल किया. दरअसल, जिस बच्चे की हम बात कर रहे हैं.
वह केरल की इडुक्की का रहने वाला है और यह 12 साल की उम्र का एक छोटा बच्चा है, जिसका नाम अमित के बिजू है. जहां इस आयु में बच्चे खेलते-कूदते रहते हैं और साथ ही पढ़ाई-लिखाई में अपने मन लगाते हैं. लेकिन यह बच्चा बाकी सभी बच्चों से एक दम अलग है. बता दें कि यह खेती से प्यार (love farming) करता है और उसमें अपना करियर भी बनाना चाहता है. इसके चलते यहां के रहने वाले लोग इसे बच्चा किसान भी कहते हैं.
खेती से हुआ प्यार
मिली जानकारी के मुताबिक, इस बच्चा किसान को कोरोना काल (Corona) के दौरान खेती से प्यार हुआ और उसने अपने प्यारे-प्यारे हाथों से अपने प्यार को पालना शुरू कर दिया. इसे खेत की लगभग सभी तरह की सब्जियों से लेकर फलों तक से प्यार है. अमित को जब भी खाली समय मिलता था, तो वह अपने पुश्तैनी खेत में चला जाता था. बता दें कि अमित का पुश्तैनी खेत लगभग 3 एकड़ तक है, जिसमें लगभग कई तरह के पौधे लगे हुए हैं.
अमित इन सभी पौधों की बहुत ही प्यार के साथ देखभाल करता और उन्हें दुलार-प्यार करता था. वहां के कुछ लोगों का यह कहना है कि वह फसलों से इस तरह से बातें करता है कि मानों की सच में वह किसी इंसान से बात कर रहा है. खेती से प्यार की यह कहानी उसके पूरे शहरे व आस-पास के रहने वाले गांव में भी फैली हुई है.
बेस्ट स्टूडेंट फार्मर अवार्ड से सम्मानित
खेती से प्यार को लेकर अमित को उसकी के स्कूल में बेस्ट स्टूडेंट फार्मर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. यह पुररस्कार अमित को उस दिन दिया गया था, जिस दिन केरल राज्य में किसान दिवस मनाया गया यानी की 1 अगस्त के दिन ही अमित को बेस्ट स्टूडेंट फार्मर का पुरस्कार दिया गया.
पिता से मिला पूरा सहयोग
खेती के प्रति अमित का इतना लगाव देखते हुए अमित के पिता ने भी उसे सब्जियों की खेती (Cultivation of vegetables) करने के लिए 3 एकड़ खेत में से एक हिस्सा अमित के हवाले कर दिया. इस खेत में अमित ने बीज बोने से लेकर अन्य सभी कार्य जैसे कि फसल की निराई-गुड़ाई व कटाई आदि सभी कार्यों को अपने बल पर बखूबी किया.
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अमित की कड़ी मेहनत के चलते उसे अपने खेत से गर्मियों की छुट्टी में लगभग 15 किलो लोबिया, 6 किलो बैंगन और 4 किलो बटर बींस के अलावा प्लम, खुबानी और मैंगोस्टीन सहित अन्य बींस, सब्जियों और फलों को प्राप्त किया.
बता दें कि इन सभी सब्जियों को अमित ने बाजार में नहीं बेचा बल्कि उसे अपने पड़ोसियों व रिश्तेदारों को मुफ्त में दे दिया.