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Updated on: 17 January, 2023 5:57 PM IST
महिलाओं ने गोबर से बनाया पेंट

इन दिनों भारत में आत्मनिर्भर बनने की कवायत खूब तेजी से चल रही है, खास कर के कृषि क्षेत्र में नवाचारों के माध्यम से लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. खेती के साथ- साथ लोगों के बीच गोबर की महत्वता बढ़ती ही जा रही है. लोग गोबर को अब केवल खाद के तौर पर इस्तेमाल करने के साथ कई प्रकार के उत्पाद बनाकर नवाचार कर रहे हैं. देखा जाए तो अभी गांवों में गाय के गोबर से घर की लिपाई की जाती है. इससे ना सिर्फ घर शुद्ध रहता है बल्कि हमारे वातावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाएं गोबर के माध्यम से पेंट बनाने का कार्य बड़े पैमाने में कर रही हैं. जिसके आगे बड़ी- बड़ी मल्टीनेश्नल कंपनियां फीकी पड़ रही हैं.

आदिवासी महिलाओं की पहल से बड़ी कंपनियां फेल

छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर और कांकेर जिले के कई स्व-सहायता समूह की आदिवासी महिलाएं गौठान से जुड़ी हुईं हैं. गोबर से जुड़े होने के साथ उन्होंने गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का कार्य शुरू किया. गोबर से निर्मित पेंट की गुणवत्ता ने बड़ी-बड़ी पेंट कंपनियों को फेल कर दिया है. खास बात यह गोबर से बनाया गया ये पेंट पूरी तरह से इको-फ्रैंडली है. 

5 हजार लीटर से अधिक पेंट का उत्पादन

किसी काम को करने की चेष्टा यदि दिल में है तो आप कोई भी कार्य आसानी से कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ  कांकेर की स्व-सहायता समूह की आदिवासी महिलाओं ने कर दिखाया है. उन्होंने बहुत ही कम वक्त में 5 हजार लीटर गोबर से पेंट का उत्पादन किया है और लगातार बड़े पैमाने में बिक्री भी की जा रही है.

विकसित होंगे रूरल औद्यौगिक पार्क

खबरों की मानें तो राज्य सरकार गौठानों को रूरल औद्यौगिक पार्क के रूप में विकसित करने जा रही है. सरकार की इस पहल से राज्य के कई किसानों और लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इसके अलावा स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा गोबर से गमला, अगरबत्ती, दीया, वर्मीकंपोस्ट आदि उत्पादों को बनाया जा रहा है.

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गोबर से निर्मित पेंट की कीमत बेहद कम

बता दें कि गोबर से निर्मित पेंट की कीमत बाकि पेंट की तुलना में 30 से 40 फीसद कम है. चूंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से विकसित किया गया है, तो इसमें एंटीफंगल, एन्टी बैक्टीरिया, नॉन टॉक्सिक आदि जैसे गुण मौजूद हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदेश दिया गया कि सरकारी भवनों में गोबर के पेंट से ही रंगाई की जाएगी. इसके अलावा सीएम भूपेश बघेल इस पहल के लिए गौठान समिति के अध्यक्ष को सम्मानित कर चुके हैं.

English Summary: Chhatisgarh Tribal women are becoming self-sufficient from cow dung made paint
Published on: 17 January 2023, 06:04 PM IST

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