अपने लक्ष्य के लिए जोशीला और जुनूनी होना अति आवश्यक है, क्योंकि परिश्रम का फल हमेशा सफलता दिलाता है. दरअसल, इस ऐसी ही रोचक ख़बर भारत के सेवन सिस्टर्स (Seven Sisters) से आई है, जहां मेघालय (Meghalaya) के 61 वर्षीय नानाद्रो बी मारक (Nanadro B Marak) ने काली मिर्च की खेती कर पद्म पुरस्कार अपने नाम कर लिया है.
काली मिर्च के 100 पेड़ों ने किया मालामाल (Black Farming Profitable Business)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नानाद्रो ने 10000 रुपए के निवेश से इसकी शुरुआत की थी, जिसमें इन्होंने करीब 100 काली मिर्च के पेड़ (Kali Mirch Ke Ped) लगाए थे. गज़ब की बात है कि इन पेड़ों की हर गुजरते साल के साथ संख्या बढ़ती रही और नानाद्रो अच्छा मुनाफ़ा कमाते रहे. काली मिर्च को कुछ क्षेत्रों में गोलकी भी कहा जाता है.
काली मिर्च की जैविक खेती (Organic Farming of Black Pepper)
इनकी कहानी कुछ यूं शुरू होती है कि, एक किसान थे मारक वेस्ट, जो गारो हिल्स के एक अग्रणी किसान थे. इन्होंने ने ही इस क्षेत्र में सबसे पहले काली मिर्च की करीमुंडा किस्म (Karimunda Variety of Kali Mirch) लगाई थी. यह मिर्च मध्यम आकार और शाहबलूत-काले रंग की दिखती है. इनको ही देखा-देखी अन्य किसान भी इस क्षेत्र में काली मिर्च की खेती करने लगे.
मगर अन्य किसानों के विपरीत, नानंद्रो जैविक खेती (Organic Farming) पर अड़े रहे और शुरू से ही किसी भी हानिकारक रसायनों के उपयोग से सख्ती से परहेज करते रहे. नतीजतन, पहले तीन वर्षों के लिए पेड़ों को नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बजाय वो कीटों को मारने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प लेकर आए, जिसमें आगे चलकर उन्हें बेहद सफलता मिली.
नतीजतन, नानाद्रो की काली मिर्च की करीमुंडा किस्म प्रति पेड़ औसतन 3 किलो से ज़्यादा की उपज देती है. ख़ास बात है कि यह राज्य के अन्य उत्पादकों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है. बता दें कि फसल की परिपक्वता अवधि 8-9 महीने की है और नानंद्रो ने इस तरह से चक्र बनाया है कि वह साल में दो बार फसल काटते हैं.
पहाड़ों में काली मिर्च की खेती (Black Pepper Farming in Hills)
नानाद्रो ने गारो हिल्स को नुकसान पहुंचाए बैगेर पर्यावरण संरक्षण करते हुए अपनी काली मिर्च की खेती का दायरा बढ़ाया है. वहां के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि वह जैसे ही इनके इलाके में कदम रखते हैं उन्हें काली मिर्च की मोहक खुशबु आना शुरू हो जाती है. मेघालय की कृषि और बागवानी विभाग के सहयोग से इन्होंने अपनी खेती को ऊंचे मुकाम पर चढ़ा दिया है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नानाद्रो बी मारक ने कहा कि “काली मिर्च एकमुश्त निवेश पोस्ट है, जो हर साल रिटर्न देती है. इसके अलावा इस पेड़ के चौथे वर्ष तक रखरखाव की लागत भी काफी कम हो जाती है."
किसानों के लिए बने मिसाल (Success Story of Farmer)
नानाद्रो की सफलता को देखकर, कई किसान अक्सर उनके पास सुपारी के पेड़ों के साथ काली मिर्च उगाने की सलाह और प्रशिक्षण के लिए आते हैं. यह उन लोगों के लिए जिले भर में ट्रेनिंग सेशन भी देते हैं और अब तक लगभग 8000 से ज़्यादा किसानों को यह प्रशिक्षित कर चुके हैं.
पद्म श्री अवार्डी हैं नानाद्रो बी मारक (Padma Shri Award)
पद्म श्री भारत के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है, जिसे कोई-कोई ही प्राप्त कर सकता है. हाल ही में मेघालय के नानाद्रो बी मारक को 119 पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में रखा गया था. ये पद्म श्री पुरस्कार पाने वाले 102 लोगों में से एक थे. यह सम्मान इन्हें देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदान किया गया था.
इसके अतिरिक्त, जैविक खेती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सरकार ने काफी सराहना भी की थी. इस सम्मान से वे अन्य किसानों के लिए प्रोत्साहन का स्रोत रहे हैं. ख़ुशी की बात है कि साल 2019 में नानाद्रो बी मराक ने अपनी जमीन में लगाई गई काली मिर्च की बिक्री से 19 लाख से ज्यादा की कमाई की थी.
राम नाथ कोविंद ने सराहा (President Ram Nath Kovind)
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कृषि क्षेत्र के लिए नानाद्रो बी मारक को पद्म श्री प्रदान किया था. और, ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि "वह मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स से काली मिर्च की "करीमुंडा" किस्म के जैविक किसान हैं. वह उन किसानों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करते हैं, जिन्होंने 8000 से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं".
काली मिर्च की खेती कैसे करें (Black Pepper Farming Techniques)
नानाद्रो बी मारक के अनुसार, प्रत्येक काली मिर्च के पेड़ के बीच लगभग 8 फीट की दूरी रखना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, जब काली मिर्च के पौधे से बीज लिए जाते हैं, तो उन्हें सूखना चाहिए और काफी सावधानी के साथ हटा देना चाहिए. काली मिर्च के बीजों को कुछ समय के लिए पानी में डुबोकर और फिर सुखाकर निकाला जाता है. कटाई के समय काली मिर्च में नमी की मात्रा 70 प्रतिशत तक होती है, इसलिए इसको पर्याप्त धूप में करीब 3-5 दिनों के लिए सूखा लेना चाहिए.
किस उर्वरक का उपयोग करें (Black Pepper Fertilizer)
उर्वरक (Fertilizer) का उपयोग पौधों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है. प्रत्येक काली मिर्च के पौधे के लिए 10 बी 20 किलो खाद की आवश्यकता होती है. जिसमें आप गाय के गोबर की सुखी खाद, वर्मी कम्पोस्ट और कम्पोस्ट का प्रयोग कर सकते हैं.
क्यों मशहूर है काली मिर्च (Black Pepper Speciality)
काली मिर्च (Kali Mirch) लोकप्रिय मसालों में से एक है और इसे "मसालों का राजा" (King of Spices) कहा जाता है. इस मसाले की उत्पत्ति भारत के पश्चिमी घाट से हुई थी. भारत में काली मिर्च मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, कोंकण, पांडिचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उगाई जाती है.
भारत दुनिया में Kali Mirch का पहला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है. केरल स्वयं काली मिर्च का कुल उत्पादन 90 प्रतिशत करता है. विदेशी मुद्रा से निर्यात की अपनी कमाई के कारण इस मसाले का अच्छा आर्थिक महत्व है. इस मसाले को इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कारक के कारण "ब्लैक गोल्ड" (Black Gold) भी कहा जाता है. इस मसाले का वानस्पतिक नाम "पाइपर नाइग्रम" है और यह "पाइपरसी" के परिवार से संबंधित है.
काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ (Benefits of Black Pepper)
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Kali Mirch में एंटीबायोटिक गुण होते हैं.
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काली मिर्च पाचन (Digestion) में सुधार करती है.
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काली मिर्च (Black Pepper) भूख बढ़ाती है.
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काली मिर्च वजन घटाने (Weight Loss) में मदद करती है.
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Kali Mirch पेट की बीमारियों से बचा सकती है.
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काली मिर्च बैक्टीरिया के संक्रमण (Bacterial Infections) से बचाती है.
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काली मिर्च खांसी और सर्दी की स्थिति में राहत देती है.
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Kali Mirch फ्लू और कंजेशन से राहत दिलाती है.
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काली मिर्च मेटाबॉलिज्म को बूस्ट (Boosts Metabolism) करने में मदद करती है.
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काली मिर्च त्वचा के उपचार में मदद करती है.
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काली मिर्च दांतों के स्वास्थ्य (Kali Mirch for Tooth) के लिए अच्छी होती है.
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काली मिर्च त्वचा संबंधी कैंसर से बचा सकती है.