हम बचपन से ही पढ़ते आ रहे हैं कि ईंधन जीवाश्म से बनता है जिसे बनने में करोड़ों वर्षों का समय लगता है और इसका इस्तेमाल हमें सीमित तौर पर ही करना चाहिए. मगर आज के इस आधुनिक युग में ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल का प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जा रहा है जिसके चलते प्रदूषण भी बढ़ रहा है और जीवाश्म संसाधनों में भी कमी आ रही है जिसके मद्देनजर इलेक्ट्रिक गाड़ियो का निर्माण किया जा रहा है.
ऐसे ही जीवाश्म ईंधन की बढ़ती मांगों को देख जम्मू के रहने वाले एक शख्स ने अपनी 11 साल की कड़ी मेहनत के बाद घर पर ही सोलर से चलनी वाली कार बनाई है. उनकी कार को चलाने के लिए ईंधन और बिजली की जरूरत नहीं है जरूरत है तो केवल सौर ऊर्जा की.
11 साल की मेहनत के बाद बना डाली सोलर कार (solar car after 11 years of hard work)
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह विकलांग लोगों के लिए एक कार बनाना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी ने इसे और मुश्किल बना दिया. सोलर कार के विचार ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह मुफ्त की ऊर्जा है तो इसका प्रयोग कैसे किया जाए.
उन्हें यह भी चिन्ता सता रही थी कि आने वालें सालों में पेट्रोल की कीमतों में भारी उछाल आएगा, जिसे देखते हुए 11 साल की कड़ी मेहनत और लगन के साथ सोलर से चलने वाली कार का निर्माण किया.
कम ऊर्जा में भी करेगी काम (Will work in less energy)
जम्मू कश्मीर में मौसम अनुकूल रहता है जिसके चलते ऊर्जा के लिए उन्हें एक और मुश्किल को झेलना था, इसके लिए वह कई सौर कंपनियों के पास गए और ऐसे सौर पेनलों का प्रयोग किया जो कम धूप के दिनों में उच्च दक्षता दे सके. इसके लिए उन्होंने और भी कई प्रयास किए. उनका मानना था कि कई बार कार के दरवाजे, जगह पर खड़े होने पर, हल्की धूप आती थी.
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इस समस्या को दूर करने के लिए, उन्होंने एक गलविंग दरवाजा बनाया जो ऊपर की ओर खुलता है जैसे कि फरारी में होता है. अहमद ने कहा कि गुलविंग दरवाजों को बनाना और संतुलित करना उनके लिए एक चुनौती के साथ-साथ एक मुश्किल काम भी था.