देश में किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नई तकनीक को अपना रहे हैं. किसान सब्जी और मेडिसिनल प्लांट की खेती कर आर्थिक स्थिति को बेहतर कर रहे हैं. इस समय बिहार के अलग-अलग जिलों में युवा किसान सब्जी और मेडिसिनल प्लांट की खेती कर काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके लिए बिहार सरकार भी किसानों को बड़े पैमाने पर अनुदान मुहैया करा रही है.
खीरे की खेती
बिहार के सहरसा जिले के युवा किसान सुबोध झा ने अपनी 4 एकड़ की जमीन में नेट हाउस पद्धति से खीरे की खेती की शुरुआत की और इसके लिए उन्होंने बिहार सरकार से अुनदान भी लिया. किसान सुबोध बताते हैं कि सिर्फ 3 से 4 महीनों में ही उन्हें चार से पांच लाख रुपए का फायदा हुआ. इस कमाई से उन्होंने अब औषधीय पौधों की भी खेती शुरु कर दी है.
यहां से मिली सलाह
किसान सुबोध का कहना है कि वह कई सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन खीरे की खेती के बारे में उनके एक दोस्त ने बताया, जो बिहार के कृषि विभाग में नौकरी करते हैं. उनकी सलाह के बाद उन्होंने इसकी खेती की शुरुआत की. सुबोध अपने खीरे की खेती के लिए सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. जिस कारण उनके खीरे की मांग बाजार में काफी ज्यादा रहती है.
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दूसरे किसान भी सीख रहे तकनीक
सुबोध ने बताया कि उनकी खीरे की खेती की सफलता को देखते हुए उनके आस पास के साथी किसान भी काफी प्रभावित हुए हैं और उन्होंने भी खीरे और औषधिय पौधे की खेती शुरु कर दी है. सुबोध ने बताया कि वह समय-समय पर अपने जिले के कृषि वैज्ञानिकों से खेती से संबंधित जानकारी के बारे में सलाह लेते रहते हैं. वह बताते हैं कि नेट हाउस में सब्जी की खेती करने से उनकी पैदावार काफी अच्छी हुई है और उनकी राह पर अन्य युवा किसान भी चलने लगे हैं.