मध्य प्रदेश के दतिया शहर में रहने वाले लोगों के लिए मशरूम की खेती बेहद ही फायदे का सौदा साबित हो रही है। कईं किसान और क्षेत्रीय लोग एक-दो कमरे में ही मशरूम की खेती करके कुछ ही महीनों में डेढ़ से दो लाख रूपये तक का लाभ कमा रहे है। दरअसल दतिया के नरिया में रहने वाले प्रतीक शर्मा पिछले दस सालों से यहां पर मशरूम की खेती कर रहे हैं, इसकी शुरूआत उन्होंने एक छोटे से कमरे में की थी, वर्तमान में अन्य लोगों के साथ उनके घर पर साझेदारी में वह मशरूम की खेती करके अब डेढ़ से दो लाख रूपये आसानी से कमा लेते है।
ऐसे की शुरूआत
प्रतीक शर्मा ने आज से ठीक दस साल पहले अपने आसापास के क्षेत्र में एक कमरा मशरूम की खेती के लिए किराए पर लिया था. इस कमरे में उन्होंने मशरूम की खेती का उत्पादन कार्य शुरू किया. जिसके बाद वह लगातार मशरूम उत्पादन का कार्य कर रहे हैं। प्रतीक शर्मा न सिर्फ स्वंय खेती कर रहे हैं बल्कि इसके साथ ही साथ इस खेती के कार्य के बारे में आसापास के लोगों को जागरूक करने का कार्य भी कर रहे हैं। उनकी मशरूम की खेती अब शहर में भी लोकप्रिय होती जा रही है। वर्तमान में प्रतीक शर्मा लोगों के साथ मिलकर साझेदारी करके मशरूम की खेती का कार्य कर रहे है। इसके अलावा वह अन्य दूसरी जगह पर भी मशरूम की खेती को लगाने की तैयारी कर रहे है। उन्होंने बताया कि 300 वर्गफीट के एरिया के कमरे में मशरूम लगाने से लगभग 15 हजार रूपये का खर्च आता है। इसमें अक क्विंटल मशरूम का बीज, 10 क्विंटल भूसा, व दवाईयां शामिल है। इस प्रक्रिया में मशरूम के 10-10 किलो के पैकेट प्लास्टिक बैग तैयार करके कमरे में भरकर रख दिए जाते है। ठीक तरह से उचित तापमान और आद्रर्ता मिल जाने से बैग में करीब 40 दिनों में मशरूम तैयार हो जाते है।
अक्टूबर से मार्च तक होती है खेती
जानकारी के मुताबिक पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 12 महीनें मशरूम की खेती होती है, लेकिन शहर के मौसम के हिसाब से यहां अक्टूबर से लेकर मार्च तक ही मशरूम की खेती की जाती है। करीब 40 दिनों में मशरूम की खेती प्राप्त की जा सकती है। इस हिसाब से सीजन में चार बार मशरूम की खेती की जा सकती है।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
मशरूम की खेती के बारे युवाओं को जागरूक करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वरिष्ठ वैज्ञानिक आर.के.एस तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण सुबह 10:30 बजे से दिया जाएगा। जिसमें करीब 25 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में उन्हें मशरूम की खेती की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण